उत्तराखण्ड
बागेश्वर अस्पताल प्रकरण:जांच समिति की रिपोर्ट से स्वास्थ्य सचिव असंतुष्ट, जिलाधिकारी को सौंपी विस्तृत जांच।

संवादसूत्र देहरादून: बागेश्वर जिला अस्पताल में एक वर्षीय बालक शिवांग जोशी की उपचार के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के संबंध में राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से संज्ञान लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार, स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस प्रकरण में त्वरित एवं ठोस कार्यवाही प्रारंभ की गई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य जैसी अत्यंत संवेदनशील सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है, तथा प्रत्येक स्तर पर उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा इस प्रकरण की प्रारंभिक रिपोर्ट की समीक्षा के उपरांत यह पाया गया कि उपचार की गंभीरता अपेक्षित स्तर पर नहीं रही तथा रेफरल प्रक्रिया में स्पष्ट चिकित्सकीय आधार का अभाव रहा। सचिव ने इस मामले को अत्यंत संवेदनशील मानते हुए अब इसकी जांच जनपद बागेश्वर के जिलाधिकारी को सौंप दी है। इस संबंध में सचिव द्वारा जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कर निर्देशित किया गया है कि वे पूरे घटनाक्रम में दोनों पक्षों की बात सुनकर तथ्यों का सम्यक परीक्षण करें और जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित करें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जांच निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध हो।
जांच समिति की समीक्षा और कारण बताओ नोटिस
स्वास्थ्य सचिव द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट की समीक्षा में यह पाया गया कि कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को रिपोर्ट में अपेक्षित रूप से सम्मिलित नहीं किया गया, जैसे— मरीज की तत्कालिक स्थिति, परिजनों के कथन, रेफरल से पूर्व की गई चिकित्सकीय प्रक्रिया का विस्तृत विवरण आदि। रिपोर्ट के प्रस्तुत प्रारूप को अपूर्ण मानते हुए, समिति के तीनों सदस्यों डॉ. तपन शर्मा–मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. अनुपमा हयांकी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, डॉ. प्रमोद सिंह जंगपांगी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी तथा संबंधित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अकिंत कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन अधिकारियों में निम्नलिखित सम्मिलित हैं, उक्त अधिकारियों को सात कार्य दिवसों की अवधि में संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। साथ ही, इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु स्वतंत्र उच्च स्तरीय समिति गठित किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। स्वास्थ्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया है कि विभाग द्वारा इस प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लिया गया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु आवश्यक नीतिगत व प्रक्रियागत समीक्षा भी की जाएगी। शासन की प्राथमिकता है कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं अधिक सुदृढ़, उत्तरदायी एवं संवेदनशील हों।

