उत्तराखण्ड
एबीवीपी अगस्त्यमुनि के कार्यकर्ताओं ने श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में अनियमित्ताओ के चलते कुलपति का प्रतीकात्मक पुतला फूंका।
संवादसूत्र अगस्त्यमुनि: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् अगस्त्यमुनि द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन SDSUV तथा कुलपति का प्रतीकात्मक पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया।
श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में बरती गई अनियमित्ताओ के चलते महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, और बार-बार आग्रह करने पर भी समस्याओं पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। नितिन नेगी, भानू चमोला, खुशी, अजय (अज्जू ) तथा प्रकाश चौहान के नेतृत्व में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं द्वारा ये विरोध प्रदर्शन किया गया।
- विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए परिणामों में प्रदेश के सभी छात्रों में असंतोष का भाव देखने को मिल रहा है परंतु अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं है।
- 2018 से 2021 के बैच के छात्र-छात्राओं का परिणाम (रिजल्ट) अभी तक महाविद्यालय को उपलब्ध नहीं करवाया गया है। (बीएससी 2nd Sem बैक रिजल्ट)
- विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए वार्षिक कैलेंडर के अनुरूप कार्य नहीं किया जा रहा है।
- महाविद्यालय स्तर से जो समस्या समाधान हेतु विश्वविद्यालय को भेजी जाती है उसे पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र संघ पदाधिकारियों द्वारा पूरे वर्ष भर महाविद्यालय की समस्याओं को लेकर महाविद्यालय से लेकर शासन के समक्ष बात रखी गई, परंतु अभी तक निम्न विषयों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई–
- महाविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर विषयों की स्वीकृति
- महाविद्यालय में 2500 छात्र छात्राएं अध्यनरत हैं परंतु कई विषयों में शिक्षकों का अभाव है, जो कि बहुत दुर्भाग्य की बात है।
- रूद्रप्रयाग उत्तराखंड का सीमांत जिला है इसके बावजूद जनपद के सबसे बड़े महाविद्यालय में अभी तक NCC की स्वीकृति नहीं मिली है।
- महाविद्यालय में विद्यार्थी परिषद की छात्र संघ अध्यक्ष गौरव भट्ट के प्रयासों द्वारा कैंटीन का निर्माण कराया गया था, परंतु तीन माह बीत जाने के बाद भी इसका संचालन नहीं हो पाया है।
- महाविद्यालय में तुरंत स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति हो।
3 दिन के भीतर उक्त समस्याओं के संदर्भ में कोई कार्यवाही नहीं होती है तो विद्यार्थी परिषद के छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव भट्ट, महासचिव अनिकेत सिंह, महासंघ अध्यक्ष संतोष त्रिवेदी तथा कोषाध्यक्ष सोनम को भूख हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।