उत्तराखण्ड
अटकलें: केदारनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा उनियाल पर खेल सकती है दांव।
संवादसूत्र रुद्रप्रयाग: केदारनाथ विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की पहली पसंद जिलाअध्यक्ष युवा नेता दिनेश उनियाल बन सकते हैं, क्यों कि उनियाल ने बहुत अल्प समय में पार्टी तथा जनता में अपनी अलग पहचान बनायी है। दरअसल आम आदमी पार्टी के द्वारा कर्नल अजय कोठियाल को सामने लाने के बाद भाजपा सैनिकों और उनके परिवार के वोट हासिल करने के लिए अलग अलग प्रयोग कर रही है,ऐसे में यह भी समीकरण बनाता नजर आ रहा है कि भाजपा सेना से रिटायर सैनिकों के वोट को अपने पाले में करने के लिए युवा सेवानिवृत्त सैनिक दिनेश उनियाल पर दांव खेल सकती है, पार्टी ने पहली बार केदार घाटी का जिलाअध्यक्ष बना कर स्पष्ट संकेत दे दिये थे। दिनेश उनियाल वर्तमान में जिला अध्यक्ष हैं और गुप्तकाशी के ही रहने वाले हैंअनुशासन के साथ अधिकारीयों से बिना किसी भेदभाव लाकलपेट के जन समस्याओं का त्वरित निस्तारण करवाना प्राथमिकता में रखते हैं आरोप प्रत्यारोप,धडेवाजी गुटबाजी से कोसों दूर स्पष्ट एवं प्रखर वक्ता के चलते युवाओं और आम जनता की पहली पसंद भी बने हुए हैं।
राज्य में 2022 विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही माह का समय शेष बचा है ऐसे में सभी दल चुनाव में जीत के लिए भरसक प्रयास करने में जुट गए है,भारतीय जनता पार्टी ने भी चुनाव से पहले कई बदलाव कर दिए हैं,भाजपा ने पहले तो प्रदेश के मुखिया के रूप में युवा एवं सैनिक पृष्ठभूमि के चेहरे को वरीयता देते हुए युवाओं और सैनिकों को अपने पक्ष में करने के लिए पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का मुखिया बना दिया, वही अब राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के बाद लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर गुरमीत सिंह को राज्यपाल की कुर्सी पर बिठाकर नरेंद्र मोदी ने सैन्यधाम के अपने संकल्प के रुप में दिखा कर देश और उत्तराखंड के सैनिकों का मान-सम्मान बढाने पर जोर दिया है ऐसा भी दावा माना जा रहा है भाजपा अपने राष्ट्र प्रथम,मै नही हम के धैय वाक्य को चरितार्थ करते हुए अब सेना के जवानों और पूर्व सैनिकों के परिवारों का वोट अपने कब्जे में लेना चाहती है,
दरअसल आम आदमी पार्टी के द्वारा उत्तराखंड का सीएम चेहरा रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल को बनाया गया जिसके बाद से लगातार कोठियाल सेना के जवानों और पूर्व सैनिकों की वोट अपने पक्ष में करने के लिए अलग-अलग बैठकें कर उनको अपनी और आकर्षित कर रहे हैं, उत्तराखंड को सैनिकों का प्रदेश कहा जाता है, यही कारण है कि यहां पर बड़ी संख्या में सैनिकों के परिवार रहते हैं जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
भाजपा के द्वारा किए जा रहे बदलावों को देखकर केदारनाथ का समीकरण काफी बदलता नजर आ रहा है, भाजपा केदारनाथ विधानसभा सीट से युवा नेता और वर्तमान में जिलाअध्यक्ष निर्वाचित हैं, सैनिक पर दांव खेल सकती है, दिनेश उनियाल पूर्व सैनिक हैं। सीमा की सुरक्षा करते हुए देश की सेवा की है, केदारनाथ विधानसभा में पूर्व सैनिकों, अर्धसैनिक बलो और सैनिक परिवारों को जोड़कर वोटों की बात करें तो लगभग 60 प्रतिशत से अधिक वोट हैं जो केदारनाथ विधानसभा में रहते हैं,ऐसे में यह वोट जीत और हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
युवाओ की पहली पसंद बने हुए हैं दिनेश केदारनाथ विधानसभा में युवाओं की पहली पसंद बने हुए हैं उन्होंने युवाओं के लिए खेल और शिक्षा के बेहतर प्रबंध किए हैं, इसके साथ साथ युवाओं के लिए कई मदद के कार्य किये हैं,जिस कारण युवा दिनेश को अपना विधायक बनाना चाहते हैं।
केदारनाथ विधानसभा देश में सबसे महत्वपूर्ण सीट है क्योंकि यह क्षेत्र देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आध्यात्मिक ज्ञान की प्रथम पाठशाला रही है। जिस कारण राष्ट्रीय नेताओं का यहां समय समय पर आने का शिलसिला जारी रहता है। इसके साथ ही उनियाल कई दिग्गजों के संपर्क रहने के कारण अपने क्षेत्र और समाज के लिए लगातार काम कर रहे है।