उत्तराखण्ड
नगर निगम की बोर्ड बैठक में फिर हंगामा, महापौर पर लगाए गंभीर आरोप।
संवादसूत्र देहरादून/ रुड़की: नगर निगम रुड़की की बोर्ड बैठक आखिरकार शनिवार को हो ही गई लेकिन बोर्ड बैठक में जिस प्रकार की आशंका जताई जा रही थी वही होगा बोर्ड बैठक हंगामेदार रही। पार्षदों ने महापौर की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए जमकर हंगामा किया। उन पर गंभीर आरोप भी लगाए। बैठक में खानपुर विधायक उमेश कुमार शर्मा झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाति क्लियर विधायक फुरकान अहमद भी मौजूद रहे। बैठक में हंगामा होने के चलते यह तीनों विधायक बीच में ही सदन छोड़ कर चले गए।
नगर निगम की बोर्ड बैठक 12 अप्रैल को होनी थी लेकिन महापौर गौरव गोयल ने इस बैठक को को कुछ घंटे पहले ही स्थगित कर दिया था जिसको लेकर पार्षदों में काफी नाराजगी थी। वित्तीय वर्ष का प्रारंभ होने के चलते बोर्ड बैठक बजट को लेकर अनिवार्य थी। जिसके चलते बोर्ड बैठक 23 अप्रैल को निर्धारित की गई नगर निगम के ऑडिटोरियम में बोर्ड बैठक हुई। बोर्ड बैठक में महापौर व विधायक तथा अधिकारी ऊपर मंच पर बैठे थे इस पर कुछ पार्षदों ने आपत्ति जताते हुए उन्हें नीचे ही बैठने के लिए कहा। इस पर मंच नीचे लग गया। ख़ानपुर विधायक उमेश कुमार ने महापौर और पार्षदों को नसीहत देते हुए कहा कि प्रत्येक बोर्ड की बैठक में होती आई आपसी लड़ाई से किसी व्यक्ति विशेष का नही बल्कि जनता का नुकसान होता है। कहा कि जनता ने चुनकर शहर के विकास के लिए सदन में भेजा है तो शांतिपूर्ण तरीके से नगरहित के प्रस्तावों पर चर्चा करें और नगर के विकास के लिए कार्य करें। वहीं उन्होंने बिना बोर्ड बैठक में पास हुई लीज की सम्पत्तियों की लीज गैर कानूनी तरीके से किये जाने पर सवाल उठाए और करोड़ों की इस सम्पत्ति में खेल करने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही। इसके बाद बैठक में हंगामा शुरू हो गया। जिसके बाद लगातार हंगामा चलता रहा पार्षद महापौर पर गंभीर आरोप लगाते रहे हालांकि महापौर भी अपने बचाव में पलटवार करते रहे पार्षद दल के नेता राकेश गर्ग ने पार्षदों के स्वीकार वैश्विक आर संबंधी एक पत्र नगर आयुक्त को सौंपा पार्षदों की संख्या अधिक होने के चलते इस पत्र के सभी प्रस्ताव पास कर दिए गए हालांकि इस पत्र में दूसरे गुट के पार्षदों के प्रस्ताव को निरस्त किया गया था। इस पर उन पार्षदों की ओर से विरोध भी जताया गया। उन्होंने कहा कि अगर सदन द्वारा इस मामले में कार्रवाई नही करेगा तो वह स्वयं एफआईआर दर्ज करवाएंगे। इसके साथ ही झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाती ने भी पार्षदों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए नगर हित में कार्य करने की बात कही। बैठक के दौरान मेयर विरोधी गुट के पार्षदों ने सर्वसम्मति से अनाज मंडी की भूमि की लीज रिनिवल पर मोहर लगाई। इस भूमि की लीज के सम्बंध में एक ऑडियो भी वायरल हुई थी जो कि महापौर की बताई गई थी वहीं मामले में सुबोध गुप्ता ने मेयर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया था। इसका प्रस्ताव पास होने पर मेयर पक्ष के पार्षदों ने हंगामा किया और दूसरे गुट पर मामले में मोटी डील करने के आरोप लगाए। इस दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ। महापौर गौरव ग़ोयल ने एक बार फिर से पूर्व नगर आयुक्त और सहायक नगर आयुक्त पर गम्भीर आरोप लगाए उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से साढ़े 12 करोड़ की एजेंसियां पार्षदों को बांटी गई। कहा कि पार्षदों को पूर्व अधिकारी ठेकेदार बनाकर चले गए। वही हंगामा बढ़ते देख कलियर विधायक फुरकान अहमद, झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र और ख़ानपुर विधायक उमेश कुमार बैठक समापन से पहले ही सदन से चले गए। जबकि शहर विधायक प्रदीप बत्रा बोर्ड बैठक में नहीं आए।
पार्षद के दोनों गुटों में जमकर नोकझोंक रुड़की: बोर्ड बैठक समापन के बाद दोनों गुटों के पार्षदों में जमकर कहासुनी हुई देखते ही देखते हैं उनमें धक्का-मुक्की भी शुरू हो गई हालांकि बीच-बचाव कर दोनों पक्षों को शांत कराया गया। पार्षद प्रतिनिधि रमेश जोशी का आरोप है कि उनके सभी प्रस्तावों को केवल इसलिए निरस्त कर दिया गया है क्योंकि वह पार्षद गुट के साथ नहीं है।