उत्तराखण्ड
कारोबारी सुधीर विंडलास को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, जमीनों की धोखाधड़ी का आरोप।
संवादसूत्र देहरादून: सीबीआई ने उद्योगपति सुधीर विंडलास सहित पांच आरोपितों को जमीन कब्जाने के मामले में गिरफ्तार किया है। सुधीर विंडलास और उसके अन्य सहयोगियों के विरुद्ध सीबीआई में चार मुकदमे दर्ज हैं। सुधीर विंडलास पर आरोप है कि एक परियोजना की आड़ में आसपास की लगती सरकारी व अन्य की निजी भूमि पर कब्जा कर लिया। लंबे समय से आरोपित गिरफ्तारी से बच रहा था। गुरुवार को सीबीआइ ने सुधीर विंडलास उनके सहयोगी रवि दयाल सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया। इन मुकदमों में शामिल अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी भी सीबीआइ जल्द कर सकती है।
विंडलास के खिलाफ दुर्गेश गौतम निवासी राजपुर ने वर्ष 2018 में एसआईटी (भूमि) से शिकायत की थी। आरोप था कि सुधीर विंडलास और उनके साथियों ने राजपुर स्थित सरकारी भूमि पर कब्जा कर अपनी जमीन बढ़ा ली है। यह करीब एक हेक्टेयर जमीन है।इसमें कुछ तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत का भी आरोप था। एसआईटी की सिफारिश पर 14 फरवरी 2018 को राजपुर थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में सुधीर विंडलास और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
वर्ष 2022 में दून पैरामेडिकल कालेज के मालिक संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि सुधीर विंडलास ने अपने स्टाफ के लोगों के साथ मिलकर उनकी जोहड़ी गांव में बेशकीमती जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया। न्यायालय में भी झूठे प्रमाण पत्र लगाकर जमीन बिक्री के करार को एकतरफा खत्म करा दिया था। यह मुकदमा नौ जनवरी 2022 को दर्ज हुआ।
सुधीर विंडलास के खिलाफ तीसरा मुकदमा 13 जनवरी 2022 को सेना से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल सोबन सिंह दानू की शिकायत पर दर्ज हुआ। राजपुर थाने में ही दर्ज इस मुकदमे में आरोप है कि विंडलास ने सरकार से आवंटित उनकी जोहड़ी गांव मे भूमि कब्जाई थी।
संजय सिंह की ही शिकायत पर 25 जनवरी को चौथा मुकदमा दर्ज हुआ। इस मुकदमे में सुधीर विंडलास के भाई को भी आरोपित बनाया गया।सुधीर विंडलास और उनके सहयोगियों के खिलाफ वर्ष 2022 में राजपुर थाने में जमीन की धोखाधड़ी से संबंधित तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे। एक मुकदमा 2018 में दर्ज हुआ था। इन मुकदमों की जांच जिला पुलिस कर रही थी। इसी बीच शिकायतकर्ता संजय चौधरी की ओर से सरकार से आग्रह किया गया कि इन मुकदमों की जांच सीबीआइ को दे दी जाए। इस पर 11 अक्तूबर 2022 को सरकार ने विंडलास पर दर्ज सभी मुकदमों की जांच सीबीआइ से कराने की संस्तुति की। इसी के आधार पर सीबीआइ की एंटी करप्शन शाखा देहरादून में चारों मुकदमों को दर्ज कर लिया।