उत्तराखण्ड
मानव–वन्यजीव संघर्ष पर सख्त हुए मुख्यमंत्री: स्कूली बच्चों के लिए एस्कॉर्ट सुविधा, 30 मिनट में टीम पहुंचने के निर्देश।

संवादसूत्र देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आयोजित वन विभाग की समीक्षा बैठक में मानव–वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए कड़े और प्रभावी निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए वन विभाग, प्रशासन तथा स्थानीय इकाइयों को समन्वित रूप से काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटना की सूचना मिलते ही 30 मिनट के भीतर वन विभाग की टीम मौके पर पहुँचे। देर होने की स्थिति में संबंधित डीएफओ और रेंजर की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
पौड़ी जिले में लगातार बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने वहां के डीएफओ को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश भी बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जिम्मेदारी तय करना आवश्यक है। प्रभावितों को आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए ताकि किसी भी परिवार को परेशानी का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में जंगली जानवरों का भय अधिक है, वहां स्कूली नौनिहालों को एस्कॉर्ट सुविधा प्रदान की जाए। वन विभाग और जिला प्रशासन मिलकर बच्चों को स्कूल तक छोड़ने और घर तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि मानव–वन्यजीव संघर्ष में किसी कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो परिवार आर्थिक संकट में न पड़े, इसके लिए वन विभाग दो सप्ताह में आजीविका सहायता नीति तैयार करे।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग को निर्देश दिया कि संघर्ष प्रभावित जनपदों में जरूरत के सभी उपकरण तत्काल उपलब्ध कराए जाएं। नई तकनीक जैसे हाई-टेक कैमरों का उपयोग कर संवेदनशील क्षेत्रों में निरंतर निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि बस्तियों के आसपास अवांछित और घनी झाड़ियों को अभियान चलाकर साफ किया जाए ताकि जंगली जानवर इन क्षेत्रों में न घुसें। ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को जागरूक करने पर भी जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन कर्मियों को लगातार गश्त और निगरानी बढ़ानी चाहिए, साथ ही स्थानीय लोगों के साथ संवाद मजबूत कर भरोसा कायम करना चाहिए। उन्होंने स्थाई समाधान विकसित करने पर भी जोर देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वन्यजीव आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश न करें और खतरे की स्थिति में तुरंत अलर्ट जारी हो सके।
बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, सी. रविशंकर, प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा और अपर सचिव हिमांशु खुराना सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।




