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चीन एक बार फिर बना कोरोना के नए सबटाइप का केंद्र।
संवादसूत्र: एक बार फिर चीन में कोरोना का नया सबटाइप बना खतरा, अब तक के किसी भी वैरिएंट से नहीं मिलते लक्षण ,चीन में कोरोना के मामलों में रफ्तार आने लगी है. रविवार को यहां 13 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. सबसे ज्यादा खराब हालात शंघाई की हो रही है. यहां की 2.6 करोड़ आबादी घर में कैद हो गई है
जिस चीन से कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने की बातें कही जाती हैं, वहां एक बार से वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है. चीन में रविवार को रिकॉर्ड 13,146 नए मामले सामने आए. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, रविवार को जितने मामले सामने आए, उनमें से 11,691 मामलों में कोई लक्षण नहीं था।
चीन की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शंघाई में सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं. यहां रविवार को 8 हजार से ज्यादा मामले सामने आए, जिनमें से 7,788 मामले बिना लक्षण वाले थे।
शंघाई में हालात इतने बिगड़ गए हैं, वहां सेना को उतरना पड़ रहा है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने बताया कि कोरोना से लड़ाई के लिए शंघाई में 2 हजार से ज्यादा मेडिकल स्टाफ को भेजा गया है
शंघाई में लॉकडाउन लगा दिया गया है और यहां की 2.6 करोड़ की आबादी घरों में कैद है. रविवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने शंघाई के लोगों को सेल्फ टेस्ट करने को कहा है. अधिकारियों ने कहा कि लोग घर पर ही रैपिड एंटीजन किट से टेस्ट करें. सोमवार से यहां पर बड़े पैमाने पर कोरोना की टेस्टिंग शुरू हो रही है।
चीन में अब भी ज्यादातर मामले बिना लक्षण वाले सामने आ रहे हैं, लेकिन इन्हें भी क्वारनटीन सेंटर में ही रखा जा रहा है. हालांकि, सोशल मीडिया पर लोगों ने एसिम्टोमैटिक मरीजों को घरों पर ही आइसोलेट रहने की मांग की है.
शंघाई में कोरोना के मामले बेकाबू होने के बाद एक्सपो और एग्जीबिशन सेंटर को अस्थायी अस्पतालों में तब्दील किया जा रहा है. शंघाई के स्वास्थ्य अधिकारी वू कियान्यू ने बताया कि शंघाई वर्ल्ड एक्सपो एक्जिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर और शंघाई न्यू इंटरनेशनल एक्सपो सेंटर को अस्थायी अस्पताल और क्वारनटीन सेंटर में तब्दील किया गया है.
हॉन्गकॉन्ग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि वर्ल्ड एक्सपो सेंटर को 2010 में बनाया गया था और यहां 6 हजार बेड लगाए गए हैं. इसी तरह न्यू इंटरनेशनल एक्सपो सेंटर में 14 हजार बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया गया है.
चीन में बढ़ते कोरोना के खतरे के बीच यहां वायरस का नया वैरिएंट भी मिला है. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, ये ओमिक्रॉन (Omicron) का ही सबटाइप BA.1.1 है. चिंता वाली बात ये है कि ये एकदम नया वैरिएंट है और अब तक मिले किसी भी वैरिएंट से मेल नहीं खाता है. माना जा रहा है कि इसी वैरिएंट की वजह से चीन में कोरोना के हालात बेकाबू हो रहे हैं. ये वैरिएंट चीन के जियांग्सु प्रांत में मिला है. ये जगह शंघाई से 70 किमी दूर है.
एक ओर चीन में कोरोना से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं तो दूसरी ओर वहां के अधिकारी अपनी पीठ थपथपाने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं. चीन के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन के मुख्य महामारी विशेषज्ञ वू झुनयोउ ने शुक्रवार को दावा किया कि एसिम्टोमैटिक मरीज या कम गंभीर मामले इसलिए सामने नहीं आ रहे, क्योंकि ओमिक्रॉन का कैरेक्टर ही ऐसा है. दूसरे देशों में डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन से ज्यादा मौतें हुईं हैं
वू ने कहा कि हमारे यहां एसिम्प्टोमैटिक मरीज और कम गंभीर मामले हमारी रणनीति और समय पर रिस्पॉन्स करने की वजह से आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी मरीजों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए चीन की दवाई ही जा रही है, जिससे उन्हें गंभीर बीमारी नहीं हो रही.
चीन के जिलिन प्रांत में कोरोना से हालात बिगड़ गए थे, लेकिन अब यहां संक्रमण काबू में आ रहा है. ऐसा दावा वहां के अधिकारियों ने किया है. अधिकारियों का कहना है कि कोरोना का ग्राफ नीचे नहीं आ रहा है, लेकिन अब यहां हालात पहले से काफी हद तक काबू में आ गए हैं. रविवार को जिलिन प्रांत में कोरोना के 4,455 मामले सामने आए.