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जनरल बिपिन रावत की चतुर्थ पुण्यतिथि:राष्ट्रसेवा की अदम्य प्रेरणा हैं हमारे प्रथम सीडीएस:सीएम।

संवादसूत्र देहरादून: भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ स्व. जनरल बिपिन रावत की चतुर्थ पुण्यतिथि के अवसर पर सोमवार को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के कनक चौक स्थित पार्क पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने इस दौरान जनरल रावत के अदम्य साहस, उत्कृष्ट सैन्य नेतृत्व और राष्ट्र के प्रति उनके अविचलित समर्पण को याद करते हुए कहा कि वे उत्तराखंड और पूरे देश के लिए गर्व का प्रतीक थे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जनरल बिपिन रावत का जीवन राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और कर्तव्यपरायणता का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने भारतीय सेना को आधुनिक सोच, दृढ़ रणनीति और नई दिशा प्रदान की। देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में उनकी भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल रावत ने ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना को अपने जीवन के प्रत्येक निर्णय में उतारा और यही भावना उन्हें एक असाधारण सैन्य नेतृत्वकर्ता बनाती है।
शहीदों के प्रति सम्मान और समर्पण के संदेश को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैनिकों और नागरिकों के साथ दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और शहीद परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है तथा उत्तराखंड की वीर परंपरा को सुरक्षित और सशक्त रखने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की धरती वीरों की धरती रही है, जहां से सेना को अनगिनत जांबाज सैनिक मिले हैं। जनरल रावत जैसी महापुरुष विभूतियाँ आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि जनरल रावत की वीरता, निर्णय क्षमता और राष्ट्र के प्रति उनकी सर्वोच्च निष्ठा हमें सदैव श्रेष्ठतम देने के लिए प्रेरित करती है।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, विधायक श्री खजान दास, विधायक श्रीमती सविता कपूर सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, सैन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक उपस्थित थे। सभी ने जनरल रावत की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी अमर देशभक्ति को याद किया।
कार्यक्रम का वातावरण भावनाओं और सम्मान से ओतप्रोत रहा। हर किसी ने एक स्वर में कहा कि जनरल बिपिन रावत की स्मृतियाँ न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे राष्ट्र के हृदय में सदैव अमर रहेंगी।




