उत्तराखण्ड
उच्च शिक्षा में पीएचडी तक के लिए बनेगा कॉमन प्लेटफार्म: शिक्षा मंत्री।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: शिक्षा, स्वास्थ्य व सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत के अनुसार राज्य के विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के लिए कामन प्लेटफार्म बनेगा।इसके अंतर्गत एडमिशन से लेकर सांस्कृतिक गतिविधि व खेलकूद आदि का एक केलेंडर तय होगा। उत्तराखंड में सितंबर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विधिवत क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री आएंगे। माध्यमिक शिक्षा में पहली बार छात्रों को हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत भाषा में पढ़ाई का विकल्प दिया जाएगा। इसके लिए योग्य शिक्षकों की कमी नहीं है। इसके अलावा पहली कक्षा से लेकर पीएचडी तक के पाठ्यक्रम को सौ प्रतिशत आनलाइन करने को विद्या समीक्षा केंद्र तैयार किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने सोमवार को कुमाऊं विवि के प्रशासनिक भवन में परीक्षा हाल का लोकार्पण किया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा राज्य में 14 बच्चों पर एक शिक्षक है। जबकि राष्ट्रीय औसत एक शिक्षक पर 30 बच्चे हैं। शून्य छात्र संख्या की वजह से बंद हो चुके सवा सौ सरकारी स्कूलों में अब बच्चे आ गए हैं। राज्य में 2900 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां पांच से कम बच्चे हैं और वहां टीचर भी हैं। एक बच्चे पर भी एक टीचर की तैनाती की है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सरकार की यह बाध्यता है कि बंद स्कूलों में एक भी बच्चा आ जाये तो उसे फिर खोला जाय। जो स्कूल लंबे समय से छात्रसंख्या शून्य होने की वजह से बंद हैं, उन्हें पंचायत राज विभाग को दिया जाएगा, ताकि वहां कामन सर्विसेज सेंटर खुल सके। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में प्राध्यापकों की सात घंटे कालेज में उपस्थिति अनिवार्य की गई है। राज्य के कालेजों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर सरकार की मनाही नहीं है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. एनके जोशी, विधायक सरिता आर्य, कुलसचिव दिनेश चंद्रा,वित्त अधिकारी अनिता आर्य आदि उपस्थित थे।