उत्तराखण्ड
‘साइबर भारत सेतु’ राष्ट्रीय अभ्यास शुरू हुआ, सुरक्षित डिजिटल भविष्य के लिए राज्यों की बड़ी पहल।



संवादसूत्र देहरादून: गुरुवार को “साइबर भारत सेतु: ब्रिजिंग स्टेट्स, सिक्योरिंग भारत” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास कार्यक्रम की शुरुआत हुई। साइबर खतरों से निपटने की क्षमता को मजबूत बनाने, विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने तथा प्रभावी साइबर संकट प्रबंधन को सुदृढ़ करने उद्देश्य से यह आयोजन CERT-उत्तराखंड और ITDA द्वारा, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है।
सिविल सेवा संस्थान देहरादून में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए आईटीडीए उत्तराखंड के निदेशक आलोक पांडेय ने कहा कि बढ़ती डिजिटल निर्भरता के साथ साइबर सुरक्षा की चुनौतियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में राज्य के सभी विभागों और संस्थानों के लिए जरूरी है कि वे साइबर सुरक्षा प्रबंधन को गंभीरता से लेते हुए पूरी तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि इस तरह के अभ्यास कार्यक्रम न केवल साइबर खतरों की समझ बढ़ाते हैं, बल्कि संकट की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने की क्षमता को भी विकसित करते हैं।
कार्यक्रम के पहले दिन विशेषज्ञों ने भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की भूमिका, देश में साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रमुख प्रयासों और उत्तराखंड में मौजूद चुनौतियों व अवसरों पर विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान प्रतिभागियों को साइबर संकट प्रबंधन योजना बनाने, साइबर हमलों के तरीकों, उनसे बचाव के उपायों, नई साइबर ट्रेंड्स और सतर्कता के आवश्यक प्रोटोकॉल पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
पहले दिन के सत्रों में CERT-In के वैज्ञानिक राजेश पोखरियाल, शशांक गुप्ता, सब्यसाची जेना, राज्य निर्वाचन आयोग के संयुक्त सचिव कमलेश मेहता, ITDA के एजीएम कमलेश अरुण एवं आशीष उपाध्याय, तथा ट्रेंड माइक्रो के विशेषज्ञ अंकित ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने साइबर




