उत्तराखण्ड
उत्तराखंड बार काउंसिल सदस्यों के कार्यकाल को लेकर विवाद।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: उत्तराखंड बार काउंसिल सदस्यों के पांच साल के कार्यकाल पूरा होन या ना होने को लेकर बार काउंसिल सदस्यों में ही मतभेद पैदा हो गए हैं। बार काउंसिल के सदस्य व पूर्व चेयरमैन ने पांच साल का कार्यकाल पूरा होना बताते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया, उनके प्रस्ताव के समर्थन में तीन अन्य सदस्यों ने भी बैठक का बहिष्कार कर दिया जबकि उत्तराखंड से बार काउंसिल आफ इंडिया के सदस्य ने साफ कर दिया है कि मौजूदा बार काउंसिल सदस्यों का कार्यकाल जनवरी 2024 तक है, इसके बाद भी बार काउंसिल आफ इंडिया चाहे तो छह माह कार्यकाल बढ़ा सकती है।
रविवार को देहरादून के एक होटल में बार काउंसिल के चेयरमेन डा महेंद्र पाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें बार काउंसिल सदस्य व पूर्व चेयरमैन हरी सिंह नेगी ने प्रस्ताव पेश करते हुए बैठक को अवैध करार दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बार काउंसिल के चुनाव 28 मार्च 2018 को हुए थे। जिसके बाद चुनाव अधिकारियों की ओर से चार मई 2018 को निवर्तमान सचिव की उपस्थिति में अधिवक्ता अधिनियम की धारा-8 के तहत 20 सदस्यों को 20 सदस्यों को निर्वाचित घोषित कर दिया गया था. जिसका प्रकाशन प्रदेश के समाचार पत्रों के माध्यम से 20 सदस्यों को निर्वाचित घोषित कर दिया गया था। बार काउसिंल निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल चार मई 2023 को पूर्ण हो चुका है। नियमानुसार तथा अधिवक्ता अधिनियम की धारा-आठ के अनुसार वर्तमान में बार काउंसिल का बोर्ड भंग हो चुका है। ऐसी परिस्थितियों में चार मई 2023 से पूर्व ही बोर्ड के कार्यकाल बढ़ाये जाने की अनुमति बार काउंसिल आफ इंडिया से ली जानी थी लेकिन 28 मार्च 2023 की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव नहीं लाया गया और ना ही आम सभा की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव आगामी आम चुनाव कराने के लिए पेश किया गया। वर्तमान में बार काउंसिल का तथा बार काउंसिल सदस्यों का कोई भी अस्तित्व नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में बार काउंसिल की रविवार यानि आज की बैठक असंवैधानिक के साथ ही अधिवक्ता अधिनियम के तहत नियम विरुद्ध है। प्रस्ताव में बोर्ड को तत्काल भंग समझकर आगामी चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी नियुक्त करते हुए महाधिवक्ता प्रस्ताव भेजकर चुनाव की तिथि की घोषणा की जाए। इस प्रस्ताव का सदस्य चंद्रशेखर तिवारी, योगेंद्र तोमर व मनमोहन लाम्बा ने समर्थन किया है।
बार काउंसिल आफ इंडिया के सदस्य डीके शर्मा ने कहा कि जिस दिन बार काउंसिल आफ इंडिया की ओर से सदस्यों के निर्वाचन का गजट नोटिफिकेशन होता है, कार्यकाल उस दिन से शुरू होता है। उन्होंने कहा कि गजट नोटिफिकेशन 30 जूनवरी 2019 को जारी किया गया था, ऐसे में पांच साल का कार्यकाल फरवरी 2024 तक है। एडवोकेट एक्ट के अंतर्गत बीसीआइ कार्यकाल को छह माह के लिए और बढ़ा सकती है। उन्होंने कुछ सदस्यों की ओर से कार्यकाल पूरा होने से संबंधित प्रस्ताव को नियम विरुद्ध व निरर्थक बताया है।