उत्तराखण्ड
रिश्वत लेते पकड़ा गया जिला आबकारी अधिकारी।
संवादसूत्र देहरादून/रुद्रपुर: रुद्रपुर में विजिलेंस की टीम ने जिला आबकारी अधिकारी को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ धर दबोचा। जिला आबकारी अधिकारी ने मदिरा कारोबारी से 10.21 लाख रुपये के माल के एवज में 10 फीसदी के हिसाब से रिश्वत की मांग की थी। सतर्कता विभाग के निदेशक डॉ. वी मुरुगेशन ने ट्रैप करने वाली टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।मंगलवार को सतर्कता अधिष्ठान के पुलिस उपाधीक्षक अनिल मनराल के पर्यवेक्षण में टीम रुद्रपुर पहुंची। यहां टीम ने जिला आबकारी अधिकारी जी-8 प्रकाश सिटी काशीपुर निवासी अशोक कुमार मिश्रा को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते कार्यालय से रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। सीओ मनराल ने बताया कि खटीमा के देसी मदिरा की दुकान स्वामी ने साल 2023-24 में आवंटित दुकान का इस साल नवीनीकरण कराया। वर्ष 2023-24 में दुकान स्वामी की ओर से पूरा अधिभार जमा करा दिया गया था। पिछले वर्ष में जमा अधिभार का 10,21,417 रुपये का माल वह नहीं ले पाया था। आरोप है कि इस माल को लेने के लिए उसने जिला आबकारी अधिकारी मिश्रा से मांग की। इस पर मिश्रा ने अधिभार के 10 प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत मांगी। इस पर उसने विजिलेंस में शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की।
सीओ ने बताया कि जांच में आरोप के तथ्य सही पाए जाने पर निरीक्षक विनोद कुमार यादव के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया। टीम ने जिला आबकारी अधिकारी मिश्रा को शिकायतकर्ता से 70 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए उनके कार्यालय से रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। ट्रैप टीम आरोपी से पूछताछ में जुटी है। बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विधिक कार्रवाई की जाएगी। सतर्कता निदेशक डॉ. मुरूगेशन ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चल रहा है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगने पर विजिलेंस के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर-1064 या व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
जिला आबकारी अधिकारी के रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद विजिलेंस की टीम अब उनकी संपत्ति को भी खंगालेगी। इसके लिए एक टीम ने काशीपुर स्थित उनके आवास पर छापा मारा। सीओ अनिल मनराल ने बताया कि उनके घर को खंगाला जा रहा है। संपत्ति की भी जांच की जाएगी। इसके अलावा उनके पुराने रिकार्ड भी जानकारी ली जा रही है। यदि, रिश्वत से बनाई गई संपत्ति सामने आती है तो शासन से अनुमति लेकर उस पर कार्रवाई की जाएगी।