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क्या आप भी मोटिवेट होना चाहते हैं?

आलेख

क्या आप भी मोटिवेट होना चाहते हैं?

हरदेव नेगी

भारत में एक कौम दिनों दिन बढ़ती जा रही है और ये है “मोटिवेशनल स्पीकर” की, और यहाँ लोग इतने फ्रस्टेट नहीं है जितने आज भारत में मोटिवेशनल स्पीकर है,,,,, ! और इनके जाल में सबसे ज्यादा फंस रहे हैं शहर के लोग,,, ये गांवों तक इसलिए भी नहीं पहुँच पाए वहां पहले से गाँव के दार्शनिक बुजुर्ग बैठे हैं,,,, जो फ्री मे ही गाँव के नुक्कड़ों पर चाय की चुसकियों, हुक्के की गुड़ गुड़ व बीड़ी की लंबी स्वोंण से मोटिवेट कर देते हैं,,,,,,,।

शहरों के दार्शनिक गुरु मोटिवेशनल स्पीकर को सुनने के लिए 500 रुपये मिनिमम टिकट लगता है,,,,,, ! बस मोटिवेशन गुरु बनने के लिए आपको बस चंद बिजनेस मैन, धार्मकि कहानियों व प्रतिष्ठित लोगों के जीवन पर केस स्टडी करनी है बस,,,,,,, फिर देखिए आप वैल अर्निंग मोटिवेशनल स्पीकर बन जाएंगे,

एक लड़का था वो अपने जीवन में अच्छा खासा कमा रहा था,,,, लाइफ उसकी परफैक्टली गुजर रही थी,,,,, एक दिन दिल्ली के ताल कटोर स्टेडियम में एक मोटिवेशलन गुरु आया था, वो भी उसको फौलो करता था,,,, उसकी बातें यूट्यूब पर सुनता था,,,, उस दिन उसकी छुट्टी थी तो वो लाइव सुनने चला गया,,,, वहां उनकी मैंम्बरशिप एक्टिवीटि भी चल रही थी,,,,, वो आज पूरी फिराक़ में था कि उनसे मिले,,,,, और तीन घंटे सुनने के बाद वो उनसे व्यक्तिगत मिलने गया,,,,

व्यक्तिगत मिलने के बाद उसका बिहेवियर बदल चुका था,,,, टेनशन की लकीरें उसके माथे पर खिंची चली आ रही थी,,, सोच में डूब गया,,,,,,मोटिवेशनल स्पीकर से मिलने के बाद उसको पता चला कि वो भी फ्रस्टेट है,,,,,! इतनी अच्छी जिंदगी जीने के बाद वो एक ट्रांसफोरिमिंग लाईफ की तरफ बढ़ना चाहता था,,,,,, उसने अपने फ्रस्टेटशन को दूर करने के लिए वीकैंड क्लास अटैंड कर ली,,,, जिसकी फीस 20000 थी,,,,,! कुछ महीने बाद उसने औफिस से रिजाईन दे दिया,,,,, अब वो उनके सेमिनार में जाता है और लोगों की जिंदगी में फ्रस्टेटशन ढूंढता है,,,, और मोटिवेशनल स्पीकर की इनकम बढ़ाता है।।।।

किसी ने उससे पूछा कि तुम्हारी जिंदगी फ्रस्टेट थी ये कैंसे पता चला क्या हुआ था तुम्हारे साथ?

उसने कहा एक दिन में सर से पर्सनली मिला, उन्होंने एक कहानी सुनाई,,,,, दीवर पर चढ़ती हुई मकड़ी की और कहा,,,, कि तुमने देखा होगा एक मकड़ी दीवार पर चढ़ती है पर गिर जाती है और फिर चढ़ती है गिर जाती है वो हिम्मत नहीं हारती,,,,,, सोचो जिस कमरे में तुम रहते हो उस कमरे की दीवार पर ऐंसा नजारा दिखे तो तुम क्या करोगे,,,,,,,?

मैने कहा झाड़ू या चप्पल उठाऊंगा उसको मार दूँगा,,,,,,,, फिर सर ने कहा यही गुस्सा जो तुम मकड़ी पर निकालना चाहते हो यही तुम्हारा फ्रस्टेट होना है, और इससे सिद्ध होता है कि तुम भी फ्रस्टेट हो, तुम मकड़ी को सफल होना नहीं देखना चाहते,

पर सर मकड़ी से मेरी सिस्टर को डर लगता है,,,, वो चिल्लाकर पूरा घर सर पर उठा देगी, मकड़ी छिपकली देखकर उसके प्रांण निकल जाएंगे।

तभी मैं मकड़ी को मारने की सोच रहा था,, ।

ये एक स्कैयरड डिसौरडर डिजीज है,,,, तुम चाहो तो अपनी सिस्टर को भी सेमिनार में ला सकते हो।

बस फिर क्या, अगला सेमिनार नौएडा सैक्टर 62 के एक्जिविशन औडिटोरियम में होगा वहां मिलते हैं, वहां इलैक्ट्रॉनिक्स सिटि में काम करने वाले लाखों पैकैज के इंजीनियर अटैंड करेंगे, ऐंट्री फीस 2000 है

हरदेव नेगी

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