उत्तराखण्ड
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर ‘‘बालिका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं डिजिटलाइजेशन‘‘ विषय पर विशेषज्ञों ने रखे विचार।
संवादसूत्र देहरादून: संस्कृति विभाग अजबपुर, देहरादून स्थित ऑटोरियम में राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये आरती बलोदी, राज्य नोडल अधिकारी द्वारा इस वर्ष की थीम- ‘‘बालिका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं डिजिटलाइजेशन‘‘ पर जानकारी प्रदान करते हुये उपरोक्त थीम के आधार पर विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा विषय विशेष पर दी जाने वाली संक्षिप्त जानकारी प्रदान की गयी एवं बालिकाओं को प्रदान किये जाने वाले किट की भी जानकारी दी गयी,- जिसमें खाण्ड से निर्मित तिल के लड्डू, पंताजलि निर्मित ऑवला कैण्डी, विभागीय योजनाओं की जानकारी हेतु अध्ययन सामग्री, सेनैटरी नैपकिन, पेपर सोप, नेलकटर एवं जूट बैग सम्मिलित है। साथ ही बताया गया कि उक्त खाद्य सामग्री बालिकाओं के लिये लगभग 01 माह के लिये प्रदान की जा रही है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री, श्रीमती रेखा आर्या, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं खेल व युवा कल्याण एवं विशिष्ट अतिथि के रूप विधायक, उमेश शर्मा, काऊ, रायपुर, देहरादून एवं उत्तराखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य, दीपक गुलाटी, उपस्थित रहे।
विभिन्न विशेषज्ञों के माध्यम से कार्यक्रम में देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों एवं बाल देखरेख संस्थानों से आयी बालिकाओं को जानकारी प्रदान की गयी एवं। कार्यक्रम में उपस्थित निम्न विशेषज्ञों द्वारा निर्धारित विषय विशेष पर जानकारी प्रदान की गयी-
पुलिस विभाग से अंकुश मिश्रा, पुलिस उपाधिक्षक, साइबर/, पुलिस विभाग द्वारा गौरा शक्ति ऐप एवं बालिकाओं की साइबर क्राइम से सुरक्षा के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी।स्वास्थ्य विभाग से डॉ विनिता सयाना, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी,रायपुर चिकित्सा विभाग एवं कॉरनेशन अस्पताल से डॉ मधु सिंह द्वारा बालिकाओं के स्वास्थ्य, व्यक्तिगत स्वच्छता एवं मासिक धर्म से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी प्रदान की गयी। उपस्थित बालिकाओं द्वारा स्वास्थ्य से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से जानकारी प्राप्त की गयी।
मनो-चिकित्सकीय परामर्श-आधुनिक जीवन शैली से बालिकाओं पर पड़ने वाले प्रभाव का मनो-सामाजिक/चिकित्सीय परामर्श के सन्दर्भ में डॉ0 प्रतिभा शर्मा, क्लीनिक साइकोलॉजिस्ट द्वारा जानकारी प्रदान की गयी है। बालिकाओं द्वारा शैक्षिक एवं व्यवहारिक जीवन में आने वाले तनाव, दबाव एवं चिन्ताओं के सम्बन्ध में मनो-सामाजिक परेशानियों के सम्बन्ध में प्रश्न किये गये, जिनका विशेषज्ञ द्वारा समाधान प्रदान किया गया। साथ ही बच्चों को कार्य की प्राथमिकता की सूची तैयार का सुझाव दिया गया। डॉ0 प्रतिभा शर्मा द्वारा बालिकाओं को शारीरिक व्यायाम, खेल-कूद, योगा एवं उचित खान-पान के साथ सही जीवन शैली अपनाने का परामर्श प्रदान किया गया, जिससे बच्चों में तनाव, चिन्ताएं आदि दूर होती है।
रोजगार परक योजनाओं की जानकारी- प्रवीन गोस्वामी, जिला सेवायोजन अधिकारी, देहरादून द्वारा बालिकाओं का राज्य व केन्द्र की रोजगार परक योजनाओं की जानकारी की गयी।
कैरियर काउन्सलिंग- साहिब सबलोक, विशेषज्ञ कैरियर काउन्सलिंग, बी0आई0ओ0-हेड, मार्केटिंग एण्ड आउटरीच, ग्रैफिक ऐरा, देहरादून द्वारा बालिकाओं की भविष्य में अपनी रूचि के अनुसार कैरियर का चुनाव करने एवं एक लक्ष्य निर्धारित करने के लिये परामर्श दिया गया। लक्ष्य की प्राप्ति के लिये परिश्रम की प्रेरणा दी गयी। सकारात्मक रूप से डिजिटल प्लेटफार्म का प्रयोग कर विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर की जानकारी प्राप्त करने एवं पढ़ने की आदत बनाने हेतु परामर्श दिया गया।
बालिकाओं हेतु आर्थिक सुरक्षा -श्री कुमार राजेश, परामर्शदाता, नियोजन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा पॉवरप्वाइंट के माध्यम से आर्थिक स्वालम्बन की जानकारी प्रदान की गयी।
आरती बलोदी, राज्य नोडल अधिकारी, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा विभाग में बालिकाओं के कल्याणार्थ एवं सुरक्षा हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं यथा-बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेन्टर, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट, बालिका प्रोत्साहन योजना, नन्दा गौरा योजना की जानकारी प्रदान करने के साथ राज्य में 24×7 संचालित हेल्पलाइन नं0- सी0एम0 हेल्पलाइन 1905, राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन 181, पुलिस हेल्पलाइल 112 द्वारा ऑनकॉल प्रदान की जा रही सुविधाओं एवं त्वरित सहायता की जानकारी प्रदान की गयी।
कार्यक्रम में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा लिये गये सत्रों में बालिकाओं द्वारा परस्पर संवाद में बढ-चढ कर हिस्सा लिया गया।
श्री दीपक गुलाटी, मा0 सदस्य, उत्तराखण्ड राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग द्वारा बालिकाओं को अपनी सुरक्षा एवं शिक्षा के परिप्रेक्ष्य में आने वाली किसी भी समस्या के सन्दर्भ में आवश्यक सहायता हेतु अपना मोबाइल नं0 उपस्थित बालिकाओं से सांझा किया गया। साथ ही बालिकाओं को अपनी शिक्षा के प्रति दृढ़ संकल्प रहने की प्रेरणा दी गयी।
सचिव, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास द्वारा बताया गया है कि राज्य के अन्तिम छोर की महिलाओं एवं बालिकाओं तक विभागीय योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करना शासन का लक्ष्य है। बालिकाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा एवं शारीरिक विकास विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकताएं है एवं इस क्षेत्र में कार्य करने हेतु सदैव तत्पर है, ताकि बालिकाओं का सर्वागीण विकास किया जा सके।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कैबिनेट मंत्री, श्रीमती रेखा आर्या जी द्वारा बालिकाओं को राष्ट्रीय बालिका दिवस की बधाई देते हुये कार्यक्रम का शुभारम्भ बालिका निकेतन की बालिकाओं से दीप प्रज्वलन करवाते हुये किया गया। उन्होंने बालिकाओं को बताया कि प्रकृति ने बालक-बालिका को समान शक्तियां दी है, किन्तु समाज की कुरीतियां हमारे समाने बालक-बालिकाओं में भेद की परिस्थितियां उत्पन्न करती है। इसलिये बालिकाएं सर्वप्रथम पूर्ण विश्वास के साथ अपनी शक्ति को पहचाने एवं अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिये दृढ संकल्प कर कड़ी मेहनत करें, अपने लक्ष्य में विकल्प न रखें, आप अवश्य ही अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर पायेंगी। साथ ही माता-पिता एवं अपने अभिभावक से अपनी समस्याओं के सम्बन्ध में वार्ता करने एवं उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करें। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित लगभग 250 बालिकाओं को स्वास्थ्य व सुरक्षा किट का वितरण किया गया।
कार्यक्रम के अन्त में रिया, बालिका निकेतन द्वारा कैबिनेट मंत्री एवं विशिष्ट अतिथियों एवं अन्य गणमान्य अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
उक्त कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने एवं कार्यक्रम के सुचारू आयोजन में मोहित चौधरी, राज्य परियोजना अधिकारी/मुख्य परिवीक्षा अधिकारी, श विक्रम सिंह, उपनिदेशक, देवेन्द्र थपलियाल, तरूणा चमोला एवं शिखा कण्डवाल, संजीव अरोड़ा, बाल परियोजना अधिकारी, रवीन्द्र मेलवान, उद्यमिता विकास अधिकारी एवं श्रीमती प्रीति उपाध्याय, कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा अपनी भागीदारी सुनिश्चित की गयी।