उत्तराखण्ड
केदारघाटी के होटल व लॉज व्यवसायियों द्वारा यात्रियों से रहने और खाने के अधिक पैंसे वसूलने की बात गलत: उनियाल।
संवादसूत्र देहरादून/ रुद्रप्रयाग: भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल ने केदारघाटी के होटल व लाज व्यवसायियों से फोनिक वार्ता की तथा अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर तीर्थयात्रियों से रहने व खाने के अधिक पैसे लिये जाने के बारे में जानकारी ली, जो कि न्यायोचित नही है। जिसमें सभी लोगों ने कहा हमे बदनाम किया जा रहा है उनका कहना है कि बड़ी मुस्किल से दो साल बाद यात्रा चली है और हम ऐसा कृत्य करें कभी नही हो सकता है ये सरासर झूट और अफवाह है व्यापारियों का कहना था हमने 2013 की भयावह त्रासदी भी देखी है जिसमे परिवार के परिवार खत्म हो गये पता नही लग पाया की कहा गये। इस लिए ऐसा व्यवहार तो केदारघाटी के लोगों की आने वाली कई पीढियां भी करना तो दूर सोचें भी नहीं सकती।
जिलाध्यक्ष उनियाल ने कहा कि व्यापारी स्वयं ऐसे व्यवसायियों पर नजर बनाये जो ऐसी परिस्थिति में भी अवसर तलाश रहे हैं, इससे देश व दुनिया में देवभूमि उत्तराखण्ड के अतिथि देवो भव: का गलत संदेश जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि यात्रियों के द्वारा मनगढ़ंत बातें सोशल मीडिया पर चल रही है तो यात्रियों से व्यवसायिक प्रतिष्ठान का नाम व ग्राहक का नाम आधार कार्ड नम्बर के साथ उजागर किया जाए,जिससे ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई अतिआवश्यक रुप से हो सके। उनियाल ने कहा कि इस समय केदार घाटी के साथ साथ यात्रा पडावो पर होटल व लाज व्यवसायियों व अन्य लोगो ने बिना दाम लिये तीर्थ यात्रियों को रहने व खाने से लेकर अन्य व्यवस्थायें उपलब्ध करायी हैं,अधिक पैसा वसूल करने का समाचार भ्रामक व देवभूमि उत्तराखण्ड को बदनाम करने की कोशिश मात्र है।
जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल ने कहा है कि इस समय केदार घाटी के स्थानीय लोगों ने मानवता की मिशाल पेश कर तीर्थयात्रियों को अपने घरों में भी शरण दी है। दाम ज्यादा वसूल करने का प्रोपेगेंडा ये सिर्फ और सिर्फ विपक्षियों की साजिश का हिस्सा मात्र है क्यों की इस देश मे विपक्षी कभी भी सनातन धर्म और धर्मावलम्बियों के हितैषी और पकछझर नहीं रहे है ये जगजाहिर है और इतिहास भी गवाह है। इस लिए ऐसे लोगो से सावधान ररने की आवश्यकता है जो हमारे धर्म के साथ हमेशा से खिलवाड करते आये हैं इन्होने इस देश को जाति धर्म पंत मजहब मे बांटा है और हमने विकास और समरसता के पथ पर चलने की हमेशा हिमायत की हैं करते रहेगें जिसको विपक्षी और वामपंथी कभी स्वीकार नही कर सकते।