उत्तराखण्ड
उपचार के दौरान छात्र की मौत पर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और चिकित्सक पर लगाया हत्या का आरोप।
संवादसूत्र देहरादून/ उत्तरकाशी : जिला अस्पताल में उपचार के दौरान पीजी कालेज उत्तरकाशी में अध्ययनरत छात्र की मौत हुई है। छात्र की मौत होने पर स्वजन व छात्र नेताओं ने जिला अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और जिम्मेदार चिकित्सक पर छात्र की हत्या करने का आरोप लगाया है। छात्रों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटा तथा चिकित्सक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की। हंगामें की सूचना पर उप जिलाधिकारी चतर सिंह चौहान और प्रभारी प्रमुख चिकित्साधीक्षक डॉ. प्रेम पोखरियाल ने जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। स्वजन ने कहा कि उनका बेटे की तो जिला अस्पताल में बदहाल सिस्टम ने हत्या कर दी है। परंतु किसी अन्य बेटे व व्यक्ति के साथ ऐसा न हो इसलिए आरोपित चिकित्सक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
जानकारी के अनुसार पीजी कालेज उत्तरकाशी में अध्ययनरत 19 वर्षीय मोहित कुमार पुत्र सुरफा लाल निवासी ग्राम रामा, पुरोला को पिछले तीन दिनों रीढ़ का दर्द हो रहा था। मोहित कुमार तीन दिनों में तीन बार अस्पताल आया। अस्पताल में चिकित्सकों ने दो बार दर्द की दवा देकर घर भेजा। शुक्रवार की देर शाम को मोहित कुमार का दर्द बढ़ा तो मोहित के भाई सुमित और अनित कुमार उसे जिला अस्पताल लेकर आए। रात करीब 12 बजे वह अस्पताल पहुंचे। इमजेंसी में रात्रि को तैनात चिकित्सक ने मोहित कुमार को सामान्य वार्ड के बरामदें में लगे बेड में शिफ्ट किया। रात्रि के समय जब अस्पताल में सही रजाई व कंबल नहीं मिले तो मोहित के भाई अपने कमरे से रजाई व कंबल लेकर आए। रात को करीब एक बजे जब मोहित कुमार को असहनीय दर्द हुआ तो उसके दोनों
भाइयों ने चिकित्सक से आग्रह किया कि उसके भाई को देहरादून रेफर किया जाए, इसके लिए एक एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाए। सुमित कुमार ने कहा कि चिकित्सक ने न तो रेफर किया और न रात को कोई मेडिकल स्टाफ व चिकित्सक जांच के लिए आया। सुबह चार बजे भी उन्होंने चिकित्सक से मरीज को देखने और गंभीर स्थिति होने पर रेफर करने की मांग की। परंतु सुबह दस बजे उपचार के अभाव में उसके भाई मोहित कुमार की मौत हुई। उसके बाद अस्पताल का मेडिकल स्टाफ हरकत में आया और उसके भाई के मृत शरीर को आइसीयू में ले गए।