उत्तराखण्ड
चीनी नागरिकों को हुई पांच साल की सजा।
संवादसूत्र देहरादून/चंपावत: फर्जी पासपोर्ट व वीजा के साथ बनबसा इमिग्रेशन चेकपोस्ट पर पकड़े गए चार चीनी नागरिकों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। अदालत ने चारों पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। मामले में पकड़े गए एक तिब्बती नागरिक की पूर्व में कोरोना संक्रमित होने से मृत्यु हो चुकी है।
मामला 25 जुलाई 2019 का है। बनबसा इमिग्रेशन चेक पोस्ट पर दिल्ली से नेपाल जा रही यात्री बस में चार चीनी व एक तिब्बती नागरिक को पकड़ा गया था। तिब्बती नागरिक के पास पासपोर्ट, वीजा व अन्य कागजात थे। चारों चीनी नागरिकों के पास पासपोर्ट व वीजा नहीं था। उनके पास दिल्ली में बनी फर्जी पहचान पत्र मिले थे। चारों अपनी नागरिकता भी नहीं बता पाए थे। चारों चीनी नागरिकों के पास मिले वीजा अलग-अलग अवधियों में समाप्त हो चुके थे। चारों को बिना वीजा भारत में रहने व बिना पासपोर्ट चोरी छुपे भारत से नेपाल जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। इन्हीं के साथ पकड़े गए तिब्बती नागरिक केतसे संग्याल की दो साल पहले कोविड के दौरान मौत हो गई थी। मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरुण बोहरा की अदालत ने चारों चीनी नागरिकों जिनचांग ल्याओ, हाइपिन नी, सुन्जेन वैंग, वैंग ग्वेंग कैन को पासपोर्ट अधिनियम के तहत दो-दो साल, विदेशी अधिनियम में पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। अलग-अलग मामलों में जुर्माना भी लगाया गया है।