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हीरक जयंती पर चमका घोड़ाखाल सैनिक स्कूल,एनडीए में सर्वाधिक चयन।

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हीरक जयंती पर चमका घोड़ाखाल सैनिक स्कूल,एनडीए में सर्वाधिक चयन।


संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: नैनीताल जिले के भवाली स्थित सैनिक स्कूल घोड़ाखाल अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को गौरव और उत्साह से सराबोर रहा, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्कूल के हीरक जयंती समारोह का विधिवत उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक संस्थान को राष्ट्र को अनुशासन, राष्ट्रभक्ति और समर्पण से ओत-प्रोत युवा प्रदान करने वाला “स्वर्णिम इतिहास रचने वाला विद्यालय” बताया।

सीएम धामी ने कहा कि घोड़ाखाल सैनिक स्कूल सिर्फ किताबी ज्ञान देने वाला संस्थान नहीं, बल्कि व्यक्तित्व, चरित्र और नेतृत्व क्षमता का निर्माण करने वाली श्रेष्ठ पाठशाला है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही वह इस प्रतिष्ठित स्कूल की उत्कृष्टता और सैन्य अधिकारियों को तैयार करने में इसकी अद्वितीय भूमिका के बारे में सुनते आए हैं। स्कूल के पूर्व छात्र न केवल भारतीय सेना, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विद्यालय की ड्रेस केवल वर्दी नहीं, बल्कि अनुशासन, सम्मान और राष्ट्र के प्रति वचनबद्धता का प्रतीक है। यह विद्यालय छात्रों के भीतर कब नेतृत्व, शौर्य और जिम्मेदारी का भाव विकसित कर देता है—इसका एहसास उन्हें जीवन के उच्च पदों पर पहुँचकर होता है। उन्होंने कहा कि “घोड़ाखाल की मिट्टी में जो जज़्बा है, वही आपको बाकी विद्यार्थियों से अलग बनाता है और आगे चलकर भारतीय सेनाओं के श्रेष्ठ अधिकारी के रूप में तैयार करता है।”

उन्होंने घोड़ाखाल सैनिक स्कूल द्वारा राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में सर्वाधिक चयन और लगातार 10वीं बार रक्षा मंत्री ट्रॉफी प्राप्त करने की ऐतिहासिक उपलब्धि पर कैडेट्स, शिक्षकों और प्रशासन को हार्दिक बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने स्वयं को एक सैनिक-पुत्र बताते हुए कहा कि सैनिक परिवारों की त्याग और अनुशासन की संस्कृति से वे भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने कहा कि जो अनुशासन और कड़ी मेहनत कैडेट्स ने यहाँ सीखी है, वही आगे जीवन की हर चुनौती का सामना करने की शक्ति देगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना और सैनिक स्कूलों को मजबूत करने के लिए किए जा रहे सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत आज रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनकर दुनिया के प्रमुख निर्यातक देशों में शामिल हुआ है। “वन रैंक–वन पेंशन” लागू होना पूर्व सैनिकों के सम्मान का बड़ा प्रमाण है।

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार भी सैनिकों और शहीद परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। शहीदों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि को पाँच गुना बढ़ाया गया है, आश्रितों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जा रही है और वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों के सम्मान में दी जाने वाली राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य में भव्य सैन्य धाम का निर्माण अंतिम चरण में है।

कार्यक्रम के दौरान श्रेष्ठ कैडेट्स, बेस्ट जूनियर और सीनियर हाउस के विजेताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में विधायक सरिता आर्या, विधायक राम सिंह कैड़ा, मंडलायुक्त दीपक रावत, वरिष्ठ अधिकारी, छात्र और अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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