उत्तराखण्ड
कार्बेट टाइगर रिजर्व से एक और बाघिन राजाजी नेशनल पार्क भेजी।
संवादसूत्र देहरादून/रामनगर: कार्बेट टाइगर रिजर्व से एक और बाघिन राजाजी नेशनल पार्क हरिद्वार भेजी गई है। रात में बाघिन को कार्बेट के कालागढ़ के जंगल से रेस्क्यू किया गया था। दो साल पूर्व एक बाघ व एक बाघिन भेजी जा चुकी है।
राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर धौलखंड क्षेत्र में वर्षो से दो बाघिन ही थी। वहां बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए कार्बेट टाइगर रिजर्व से दो बाघिन व तीन बाघ भेजे जाने की एनटीसीए ने योजना तैयार की थी। जिसके तहत 24 दिसंबर 2020 को बाघ व आठ जनवरी 2021 को एक बाघिन को रेस्क्यू कर राजाजी टाइगर रिजर्व भेजा गया था। पिछले दो साल तीन बाघों को राजाजी भेजने का आपरेशन रोक दिया गया था। ताकि दो बाघ पहले राजाजी में सर्वाइव कर जाएं। इधर, कार्बेट द्वारा शेष तीन बाघों को भेजने की कार्रवाई अप्रैल से शुरू की गई थी। सोमवार रात में एक बाघिन को कार्बेट के वरिष्ठ वन्य जीव चिकित्सक दुष्यंत शर्मा ने अपनी टीम के साथ ट्रेंकुलाइज किया। बाघिन के बेहोश होने के बाद उसका परीक्षण किया गया। उसे रात में ही हरिद्वार के राजाजी टाइगर रिजर्व भेज दिया गया।
लोगों के विरोध के बाद बदली लोकेशन
बाघिन को कालागढ़ क्षेत्र से रेस्क्यू किया है। पर्यटन कारोबारी कार्बेट के रामनगर वाले क्षेत्र से बाघ को पकड़ने पर विरोध जता रहे थे। जिस वजह से बाघिन को पकड़ने के किये कालागढ़ का क्षेत्र चिन्हित किया गया।
बाघिन को राजाजी नेशनल पार्क ले जाने के लिए रेस्क्यू किया गया। कुल पांच बाघ-बाघिन कार्बेट से भेजे जाने हैं। रेस्क्यू की गई बाघिन स्वस्थ है। उसकी उम्र करीब चार से पांच साल है।