Connect with us

प्लास्टिक निर्मित कचरे के निस्तारण को लेकर दायर पीआइएल पर सुनवाई।

उत्तराखण्ड

प्लास्टिक निर्मित कचरे के निस्तारण को लेकर दायर पीआइएल पर सुनवाई।

संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: हाई कोर्ट ने राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक से निर्मित कचरे पर पूर्ण रूप प्रतिबंध लगाने, जहां तहां बिखरे प्लास्टिक का निस्तारण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने जिलाधिकारियों की ओर से दायर शपथ पत्रों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड के शहरों को स्वच्छता रैंकिंग में में निम्नतम रैंक मिला है, जो सोचनीय विषय है। अधिकारियों की ओर से इसके निस्तारण के लिए जमीनी स्तर पर कोई कदम नहीं उठाए जा रहे, कागजी तौर पर कार्य किये जा रहे है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने जिलाधिकारियों के रवैये से नाराज होकर तमाम-दिशा निर्देश जारी किए हैं। बुधवार को जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार हाई कोर्ट इस मामले पर एक ई मेल आईडी बनाएगा, जिसमें
प्रदेश के नागरिक सॉलिड वेस्ट व कचरे की शिकायत दर्ज कर सकेंगे। यह शिकायतें कुमाऊं- गढ़वाल कमिश्नर को भेजी जाएंगी। दोनों डिवीजन के कमिश्नर अपने अपने क्षेत्र की शिकायतों का निस्तारण 48 घंटे के भीतर कर उसकी रिपोर्ट हाई कोर्ट में देंगे
कुमाऊं-गढ़वाल कमिश्नर संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों के साथ गांव-गांव का दौरा कर पता करेंगे कि वहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की क्या व्यवस्था है। उसका कैसे निस्तारण किया जा सकता है।

शहरों में पड़े लिगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए कोर्ट ने संबंधित निकायों को अंतिम अवसर दिया है,उसके बाद कोर्ट संबंधित निकायों के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर की तिथि नियत की है।
यह थी याचिका
अल्मोड़ा हवलबाग निवासी जितेंद्र यादव ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने 2013 में बने प्लास्टिक यूज व उसके निस्तारण करने के लिए नियमावली बनाई गई लेकिन इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। 2018 में केंद्र सरकार ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स बनाए गए थे, जिसमें उत्पादकर्ता, परिवहनकर्ता व विक्रेता को जिम्मेदारी दी थी कि वह जितना प्लास्टिक निर्मित माल बेचेंगे,उतना ही खाली प्लास्टिक को वापस ले जाएंगे। अगर नही ले जाते है तो संबंधित नगर निगम , नगर पालिका व अन्य फंड देंगे जिससे कि वे इसका निस्तारण कर सकें लेकिन उत्तराखंड में इसका उल्लंघन किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्लास्टिक के ढेर लगे हुए है और इसका निस्तारण भी नहीं किया जा रहा है।

Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News

Follow Facebook Page

About Us

उत्तराखण्ड की ताज़ा खबरों से अवगत होने हेतु संवाद सूत्र से जुड़ें तथा अपने काव्य व लेखन आदि हमें भेजने के लिए दिये गए ईमेल पर संपर्क करें!

Email: [email protected]

AUTHOR DETAILS –

Name: Deepshikha Gusain
Address: 4 Canal Road, Kaulagarh, Dehradun, Uttarakhand, India, 248001
Phone: +91 94103 17522
Email: [email protected]