उत्तराखण्ड
हाईकोर्ट ने की बनभूलपुरा के मास्टरमाइंड की जमानत की अर्जी पर सुनवाई।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने बनभूलपुरा दंगा मामले के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक के पुत्र अब्दुल मोईद व जावेद सिद्दीकी के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। खंडपीठ ने मोईद की डिफ़ाल्ट जमानत पर राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जबकि जावेद के प्रार्थना पत्र पर सरकार को अंतिम अवसर देते हुए दो सप्ताह के भीतर आपत्ति पेश करने को कहा है। कोर्ट ने माेईद के मामले में अगली सुनवाई 26 अक्टूबर व जावेद के मामले की सुनवाई 13 अक्टूबर को नियत की है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि कोर्ट पहले साफिया मलिक को जमानत दे चुकी है।जबकि इस मामले में शामिल 50 आरोपितों को भी जमानत मिल चुकी है।उसी आधार मानते हुए उन्हें भी जमानत पर रिहा किया जाय। पुलिस ने बिना मामले की जांच के उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 417,420, 467, 468, 471 के तहत अभियोग पंजीकृत कर दिया है। महीनों बीत गए लेकिन पुलिस अभी तक उनका आरोप साबित करने में नाकाम रही है। जबकि अपराध होने के 90 दिन के भीतर पुलिस को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करना जरूरी है।इस मामले में पुलिस ने अभी तक जांच रिपोर्ट पेश नहीं की।