उत्तराखण्ड
हाईस्कूल टॉपर हुए भारत दर्शन पर रवाना,नवाचारों पर आधारित ‘यात्रा डायरी’ के लिए पुरस्कार की घोषणा।


संवादसूत्र देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा–2025 में हाईस्कूल के 240 टॉपर छात्र–छात्राओं को “भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण” पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह दल अलग-अलग समूहों में देश के विभिन्न वैज्ञानिक, तकनीकी, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण करेगा। एससीईआरटी ननूरखेड़ा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत की प्रगति, विज्ञान, तकनीक और सांस्कृतिक विविधता का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री धामी ने छात्र–छात्राओं से अपील की कि वे अपनी यात्रा से मिले अनुभवों को विस्तृत रूप से अपनी “यात्रा डायरी” में दर्ज करें। उन्होंने कहा कि डायरी में उत्तराखंड में पहली बार हुए नवाचारों और राज्य की बड़ी उपलब्धियों का भी उल्लेख किया जाना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तराखंड ने देश में पहली बार समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर मॉडल प्रस्तुत किया है। साथ ही पहली बार कठोर नकल विरोधी कानून लागू किए गए, सतत विकास लक्ष्यों में राज्य को पहला स्थान मिला और 2023 की कर्तव्य पथ परेड में उत्तराखंड की झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार 27 हजार युवाओं को सरकारी नौकरियां मिलीं, भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई, दस हजार एकड़ भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई और मदरसा बोर्ड को समाप्त किया गया। साथ ही उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का सम्मान भी मिला है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि शैक्षिक भ्रमण से लौटने के बाद सर्वश्रेष्ठ “यात्रा डायरी” लिखने वाले प्रत्येक जनपद के दो-दो मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 से प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में 156 छात्रों ने देश के प्रमुख वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों का भ्रमण किया था, जबकि इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 240 हो गई है। विद्यार्थी इसरो, श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, यू.आर. राव उपग्रह केंद्र और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का दौरा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष अनुभव शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाता है। इस यात्रा से बच्चों के ज्ञान, समझ, टीमवर्क, संचार कौशल और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि ये मेधावी छात्र भविष्य के वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, उद्यमी, कलाकार और नीति निर्माता बनेंगे, इसलिए उनके सपने हमेशा बड़े होने चाहिए।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में वंदेमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेश के 23 हजार स्कूलों में एक साथ वंदेमातरम गाया गया, जिसमें 21 लाख लोगों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष से एक हजार मेधावी छात्रों को भारत दर्शन कार्यक्रम के तहत भेजा जाएगा। कार्यक्रम में रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव रविनाथ रामन, अपर सचिव रंजना राजगुरु, शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।




