आलेख
हिंदी
【निशा गुप्ता】
बढ़े मान हिन्दी सदा मन धरें,
सभी काम हिन्दी सकल जग करें।
कहें मातृ भाषा सभी मान हो,
नमन कर रहे देश की जान हो ।
सकल ज्ञान मिलता समर्पित रहो,
रहे भाव हिन्दी सदा मन गहो ।
नहीं द्वेष मन में कभी भी भरो,
रहे संग उर्दू न शिक़वा करो ।।
पढ़ेंगे वही जो लिखेंगे वही,
ढले वर्ण स्वर संग व्यंजन कही ।
सभी ही कहे बात हिन्दी बढ़ें
चलो अब नए राज खोले गढ़ें ।
इसी में रहे लय जहाँ साथ में ,
रहे थाम उर्दू कभी हाथ में ।
बनी देख बहनें लगे है सगी ,
मिली एक दूजे न छूटे लगी ।
रहे मान हिन्दी सदा देश में ,
कहें बात अपनी इसी वेश में।
नहीं छोड़ इसको विदेशी बनो,
करें मान भाषा कभी मत तनो ।
निशाअतुल्य