उत्तराखण्ड
आइएफएस संजीव ने मसूरी अकादमी के निदेशक के विरुद्ध खोला मोर्चा।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल : मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान हल्द्वानी संजीव चतुर्वेदी ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी मसूरी के निदेशक श्रीनिवासन के विरुद्ध सीबीआइ जांच की मांग करते हुए उनके विरुद्ध 105 पेज का शिकायती पत्र केंद्र सरकार को भेजा है। आरोप लगाया है कि निदेशक ने उनकी जन्मतिथि, कार्य अनुभव, शैक्षिक योग्यता व पोस्टल संबंधित अभिलेखों में फर्जीवाड़ा किया है।
चर्चित आइएफएस संजीव ने शिकायती पत्र के साथ विभिन्न अधिसूचनाओं, केंद्र, प्रदेश सरकार व पोस्टल विभाग की ओर से नैनीताल हाई कोर्ट में दाखिल शपथपत्र का हवाला दिया है। संजीव के अनुसार 21 सितंबर को प्रदेश सरकार ने 2002 बैच के आइएफएस अधिकारियों का प्रशिक्षण 27 से 31 अक्टूबर तक कराने का उल्लेख किया था, जिसमें वह भी शामिल थे। 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद केंद्र सरकार व अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए मंजूरी अकादमी से होती है।
अकादमी के निदेशक ने भी 23 सितंबर को विभागीय अधिकारियों को संबोधित पत्र में कहा था कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। संजीव के अनुसार अकादमी निदेशक श्रीनिवासन ने केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय में स्थापना अधिकारी रहते बिना कारण बताए केंद्र, पोस्टल विभाग, एफआरआइ व यूजीसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के आदेश व अधिसूचना को मनमाने तरीके से खारिज कर दिया। इस कारण उच्च न्यायालय नैनीताल में केंद्र व राज्य सरकार एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गए। इन परिस्थितियों में हितों के टकराव की गंभीर स्थिति में उनके लिए प्रशिक्षण में शामिल होना संभव नहीं है। संजीव ने श्रीनिवासन व अन्य की भूमिका को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार व केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 10 जवनरी 2023 को होनी है। पत्र में संजीव ने प्रधानमंत्री के 15 अगस्त पर दिए भाषण का भी उल्लेख किया है, जिसमें भ्रष्टाचार के खात्मे का संकल्प लिया गया है।