उत्तराखण्ड
मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को आजीवन कारावास क़ी सजा।
संवादसूत्र देहरादून/बागेश्वर : जिला सत्र एवं विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार खुल्बे ने दुष्कर्म के बाद मासूम की हत्या में दोषी को शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। पुलिस के अनुसार मकान मालिक मनोहर तिवारी के पुत्र धीरज ने नेपाली किरायेदार की डेढ़ वर्षीय पुत्री के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को गधेरे में फेंक दिया। वह पीड़िता की मां को धमका कर उसके साथ भी दुष्कर्म करता था। घटना के दिन भी वह किरायेदार के घर पहुंचा। मां के भागने पर उसने कमरे में सो रही डेढ़ वर्षीय मासूम को ही दबोच लिया।
घटना सात-रतवे गांव की है। 18 जून, 2022 को धीरज ने दुष्कर्म के बाद मासूम की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को गधेरे में फेंक दिया। मां ने घटना के बारे में पति को बताया। इसके बाद दोनों ने कोतवाली में तहरीर दी। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर धीरज को गिरफ्तार कर लिया। विशेष लोक अभियोजक खड़क सिंह कार्की ने 21 गवाह प्रस्तुत किए। विशेष सत्र न्यायाधीश ने आरोपित को दोषसिद्ध करते हुए हत्या के मामले में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये जुर्माना, साक्ष्य छिपाने के मामले में दो वर्ष की सजा और पोक्सो में 20 वर्ष की कठोर सजा के साथ 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।
इसी मामले की दूसरी कड़ी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार खुल्बे ने मासूम की मां से दुष्कर्म में धीरज को 10 वर्ष की कठोर सजा और 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर उसे छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। जिला शासकीय अधिवक्ता गोविंद बल्लभ उपाध्याय और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल सिंह पपोला ने मामले में पैरवी की।