उत्तराखण्ड
आइएएस रामबिलास मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार व विजिलेंस से मांगा तीन सप्ताह में जवाब।
संवादसूत्र देहरादून/ नैनीताल: हाई कोर्ट ने आय से करीब पांच सौ गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपित सेवानिवृत्त अपर सचिव समाज कल्याण रामबिलास यादव की याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने शिकायतकर्ता लखनऊ निवासी हेमंत कुमार मिश्रा को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने विजिलेंस व सरकार से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।
याचिकाकर्ता यादव की ओर से बताया कि कोर्ट के आदेश पर वह विजिलेंस के समक्ष पेश हुए। उसके बाद भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया जबकि सरकार के पास उनके विरुद्ध कोई सबूत तक नहीं है। पूर्व आइएएस यादव उत्तर प्रदेश सरकार में भी लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रह चुके हैं। इनके विरुद्ध लखनऊ में हेमंत कुमार मिश्रा की ओर से आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत दर्ज की गई थी। जिसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जांच शुरू की। विजिलेंस टीम ने इनके लखनऊ , देहरादून व गाजीपुर स्थित आवास पर छापा मारा। जिसमें आय से अधिक संपत्ति होने कई दस्तावेज मिले। इसके आधार पर सरकार ने यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। यादव उत्तर प्रदेश सरकार में एलडीए सचिव के साथ-साथ मंडी परिषद के निदेशक भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी कुसुम ने भी अग्रिम जमानत को याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने कुसुम को भी कोई राहत न देते हुए सरकार से जवाब मांगा था।