Connect with us

कर्तव्य पथ पर पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी ने प्रथम स्थान पाकर बनाया इतिहास।

उत्तराखण्ड

कर्तव्य पथ पर पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी ने प्रथम स्थान पाकर बनाया इतिहास।

सीएम ने दी बधाई, हम सभी के लिए गौरव का पल


संवादसूत्र देहरादून: गणतंत्र दिवस परेड को अभी तक राजपथ के नाम से जाना जाता था, किंतु इस वर्ष उसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ रखा गया है। नाम बदलने के बाद कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की यह। पहली परेड थी, जिसमे उत्तराखंड की झांकी मानसखंड को देश मे प्रथम स्थान मिलने से इतिहास में उत्तराखंड राज्य का नाम दर्ज हो गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है। स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है। जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है।

प्रधानमंत्री ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है। प्रधानमन्त्री जी के नेतृत्व में सांस्कृतिक नवजागरण में उत्तराखंड सरकार भी काम कर रही है। मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। “मानसखण्ड” मंदिर माला मिशन के तहत चार धाम की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को भी विकसित किया जा सकता है।

भारत सरकार को भेजे गए झांकी का विषय/टाइटिल “मानसखंड”मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुझाया था। उन्होंने मंदिर माला मिशन के अंतर्गत मानसखंड के रूप में इस विषय का सुझाव दिया था।

झांकी निर्माण की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जब दिल्ली कैंट में झांकी का निर्माण किया जा रहा था तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने झांकी का निरीक्षण करते हुए झांकी को उत्कृष्ट एवं राज्य की संस्कृति के अनुरुप निर्माण के लिये सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक/ नोडल अधिकारी के एस चौहान को निर्देश दिए थे तथा झांकी के कलाकारों से मिलकर उनको शुभकामनाएं भी दी थीl

झांकी के निर्माण तथा झांकी में सम्मिलित कलाकार दिन रात मेहनत करते है। झांकी निर्माण का कार्य 31 दिसंबर को प्रारंभ किया गया था, जिसको सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक किया जाता है। साथ ही झांकी में सम्मिलित कलाकारों को टीम लीडर के साथ कड़ाके की सर्दी में कर्तव्य पथ रिहर्सल के लिए 4 बजे जाना पड़ता है।

सितंबर माह में भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों एवं मंत्रालयों से प्रस्ताव मांगे जाते हैं।अक्टूबर तक राज्य सरकारें विषय का चयन कर प्रस्ताव भारत सरकार को भेजती है।उसके बाद भारत सरकार प्रस्तुतिकरण के किये आमंत्रित करती है। पहले बार की मीटिंग में विषय के आधार चार्ट पेपर में डिजाइन तैयार कर प्रस्तुत करना होता है। आवश्यक संशोधन करते हुए तीन बैठके डिजाइन निर्माण के सन्दर्भ में होती है जिन प्रदेशों के डिजाइन कमेटी को सही नही लगते हैं उनको शार्टलिस्ट कर देती है। उसके बाद झांकी का मॉडल बनाया जाता है। मॉडल के बाद थीम सॉंग 50 सेकंड का जो उस प्रदेश की संस्कृति को प्रदर्शित करता हो तैयार किया जाता है। इस प्रकार जब सभी स्तर से भारत सरकार की विशेषज्ञ समिति संतुष्ट हो जाती है तब झांकी का अंतिम चयन किया जाता है।


मानसखंड की झांकी में क्या था खास जो प्रथम स्थान प्राप्त किया।
गढ़वाल की चारधाम यात्रा की भांति सरकार कुमाऊं में मंदिर माला मिशन के अंतर्गत पर्यटन बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं इसी के दृष्टिगत प्रसिद्ध पौराणिक जागेश्वर धाम को दिखाया गया था। उत्तराखंड का प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क, बारहसिंगा, उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी मृग, गोरल, देश की राष्ट्रीय पक्षी मोर जो उधमसिंह नगर में पाई जाती है, उत्तराखंड के प्रसिद्ध पक्षी घुघुती, तीतर, चकोर, मोनाल आदि, तथा उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपन कला को प्रदर्शित किया गया था। झांकी के आगे और पीछे उत्तराखंड का नाम भी ऐपन कला से लिखा गया था।

जागेश्वर धाम के मंदिर घनघोर देवदार के वृक्षों के बीच में है। इसलिए झांकी में मंदिर के आगे और पीछे घनघोर देवदार के वृक्षो का सीन तैयार किया गया था।

मानसखंड खंड की झांकी को देश मे प्रथम स्थान प्राप्त होने से कुमाऊं क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे क्योंकि देश विदेश के पर्यटको को मंदिर माला मिशन की जानकारी होने से वह कुमाऊं की ओर रुख करेंगे। इसलिए गढ़वाल मंडल के साथ अब कुमाऊं मंडल में भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

झांकी में इन कलाकारों ने निभाई थी अहम भूमिका

टीम लीडर संयुक निदेशक के एस चौहान के नेतृत्व में झांकी में उत्तराखंड की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए उत्तराखंड का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य करने में पिथौरागढ़ के भीम राम के दल के 16 कलाकारों का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा। उत्तराखंड को देवभूमि के साथ ही योग भूमि भी कहा जाता है। झांकी के ऊपर योग करते हुए बारु सिंह और अनिल सिंह ने योग करते हुए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

झांकी का थीम सांग “जय हो कुमाऊं, जय हो गड़वाला” को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था तथा उसको सौरभ मैठाणी और साथियों ने सुर दिया था। इस थीम गीत के निर्माता पहाड़ी दगड़िया, देहरादून थे।

……………………………………….

Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News

आलेख

मोक्ष

Follow Facebook Page

About Us

उत्तराखण्ड की ताज़ा खबरों से अवगत होने हेतु संवाद सूत्र से जुड़ें तथा अपने काव्य व लेखन आदि हमें भेजने के लिए दिये गए ईमेल पर संपर्क करें!

Email: [email protected]

AUTHOR DETAILS –

Name: Deepshikha Gusain
Address: 4 Canal Road, Kaulagarh, Dehradun, Uttarakhand, India, 248001
Phone: +91 94103 17522
Email: [email protected]