उत्तराखण्ड
पड़ोसी देश में कोरोना के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता, बचाव के लिए जिलों को अलर्ट रहने के निर्देश।
संवादसूत्र देहरादून: पड़ोसी देश चीन में कोरोना के बढ़ते मामले ने चिंता बढ़ा दी है। लिहाजा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए देश-प्रदेश में भी फिर से एहतियात बरतनी शुरू कर दी गई है। हालांकि भारत में पिछले लंबे समय से कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट है। पर पड़ोसी देश में जिस तरह कोरोना संक्रमण फिर तेजी से बढ़ रहा है उसे देखते हुए सरकार किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरतनी चाहती है। केंद्र की तरह राज्य में भी कोरोना संक्रमण को लेकर दोबारा सतर्कता बरती जाने लगी है।
इस क्रम में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट ने जीनोम सीक्वेंसिंग को लेकर सभी जनपदों को निर्देश जारी किए हैं। कहा गया है कि इसे लेकर गंभीरता से कार्रवाई अमल में लाई जाए। दरअसल, जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है। वायरस की रचना कैसी है और वह किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम सीक्वेंसिंग से मिलती है। वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है। वायरस की प्रकृति व रचना के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं। जीनोस सीक्वेंसिंग से ही कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में पता चला है। स्वास्थ्य महानिदेशक का कहना है कि राज्य में अभी ओमीक्रोन वायरस के ही मामले सामने आ रहे हैं। जीनोम सीक्वेंसिंग को प्रतिदिन दस फीसद तक सैंपल लिए जा रहे हैं। ताकि बीमारी (संक्रमण) के स्वरूप का पता चल सके। वर्तमान में दून मेडिकल कालेज में सैंपल के जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच हो रही है। भविष्य में अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में भी इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी की जा रही है। बताया कि जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जीनोम सीक्वेंसिंग को लेकर कतई लापरवाही न बरती जाए।