उत्तराखण्ड
बागेश्वर के खाती इंटर कालेज की छात्राओं को मास हिस्टीरिया।
संवादसूत्र देहरादून/ बागेश्वर : रैखोली व शामा के बाद अब राजकीय इंटर कालेज खाती की छात्राएं मास हिस्टीरिया से पीड़ित हैं। विद्यालय आने पर चिल्लाने और रोने के साथ नाच भी रही हैं। अभिभावकों के अनुसार घर में सभी स्वस्थ रहती हैं। लेकिन विद्यालय पहुंचते ही बीमार हो जा रही हैं।
पिंडारी ग्लेशियर मार्ग स्थित जिले के सुदूर खाती गांव में राजकीय इंटर कालेज है, जहां 75 छात्राएं हैं। अभिभावकों के अनुसार कक्षा नौ से 12वीं तक की छात्राएं पीड़ित हैं। नवंबर के अंतिम सप्ताह में दो छात्राएं बेहोश हुईं। छह दिसंबर को तीन छात्राएं फिर से अजीब हरकत करने लगीं। इसपर एक छात्रा के अभिभावक उसे लेकर बुधवार को जिला अस्पताल पहुंचे। जांच के बाद डाक्टरों ने मास हिस्टीरिया की समस्या बताई।
झाड़ फूंक नहीं, इलाज कराएं
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी हरीश पोखरिया के अनुसार मास हिस्टीरिया एक तरह का मानसिक रोग है। असल में जब कोई व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान होता है तो वह अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहता है। ऐसे में असामान्य हरकतें करता है। इसमें एक व्यक्ति को ऐसा करते देख दूसरा, तीसरा और फिर पूरा समूह असामान्य हरकतें कर सकता है। इसमें व्यक्ति अंदर ही अंदर घुट रहा होता है और अपना दर्द किसी को नहीं बता पाता। वह चाहता है कि लोग उससे बात करें, उसकी समस्या पूछें। ज्यादातर लोग ऐसे मरीजों को झड़वाने किसी मंदिर या तांत्रिक के पास ले जाते हैं, जहां पहले से कोई न कोई हिस्टीरिया का मरीज झूमता रहता है। दूसरा मरीज जब दसे देखता है तो वह भी झूमना शुरू कर देता है। ऐसे में झाड़ फूंक की जगह उपचार कराएं। अभी बोर्ड परीक्षा नजदीक है। छात्राएं कई किमी पैदल चलकर विद्यालय पहुंचती हैं। जाड़े का दिन है। सुबह भरपेट भोजन भी नहीं कर पाती हैं। ऐसे में वह मास हिस्टीरिया की शिकार हो सकती हैं। सभी की काउंसलिंग की जाएगी।
नवंबर में खाती से छात्राओं की तबीयत खराब होने की सूचना मिली थी। ऐसे में अब सभी प्रधानाचार्यों को शनिवार को बुलाया गया है। सभी विद्यालय में स्वास्थ्य शिविर लगाया जाएगा।
-गजेंद्र सौन, मुख्य शिक्षाधिकारी, बागेश्वर