उत्तराखण्ड
पर्यटन मंत्रालय मेलों और त्योहारों के प्रचार हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करता है: गजेन्द्र सिंह शेखावत।

संवादसूत्र देहरादून: पर्यटन मंत्रालय द्वारा मेलों और त्योहारों के प्रचार-प्रसार के लिए दी जाने वाली वित्तीय सहायता से संबंधित एक महत्वपूर्ण जानकारी राज्यसभा में साझा की गई। पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को सदन में उत्तराखंड से सांसद महेन्द्र भट्ट द्वारा पूछे गए लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि पर्यटन मंत्रालय घरेलू प्रचार और आतिथ्य (DPHH) योजना के तहत देशभर में आयोजित मेलों, महोत्सवों और धार्मिक आयोजनों के लिए राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय समर्थन प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि डीपीपीएच योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता राज्य सरकारों या केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर स्वीकृत की जाती है। इस योजना का उद्देश्य विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक आयोजनों, पारंपरिक त्योहारों और पर्यटन क्षमता को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना है। केंद्र सरकार द्वारा समय–समय पर राज्यों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे अपने सांस्कृतिक आयोजनों और प्रमुख धार्मिक कार्यक्रमों के लिए प्रस्ताव भेजें, ताकि इन आयोजनाओं का व्यापक प्रचार हो सके और देश-विदेश से पर्यटकों का आकर्षण बढ़े।
पर्यटन मंत्री ने विशेष रूप से यह भी स्पष्ट किया कि हरिद्वार में होने वाले आगामी महाकुंभ के संबंध में उत्तराखंड सरकार से पर्यटन मंत्रालय को अभी तक कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। महाकुंभ जैसे विश्व-प्रसिद्ध आध्यात्मिक आयोजन के लिए केंद्र की विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जा सकता है, किन्तु इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने की आवश्यकता होती है।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय राज्यों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों की विस्तृत समीक्षा करता है और योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप होने पर ही वित्तीय सहायता स्वीकृत की जाती है। फिलहाल मंत्रालय को उत्तराखंड सरकार से डीपीपीएच योजना के तहत महाकुंभ 2027 के लिए कोई अनुरोध प्राप्त न होने के कारण इस आयोजन हेतु कोई वित्तीय समर्थन स्वीकृत नहीं किया गया है।
प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा साझा इस जानकारी में यह भी कहा गया कि पर्यटन मंत्रालय राज्यों के साथ निरंतर समन्वय में है और उन्हें अपने सांस्कृतिक आयोजनों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने के लिए प्रोत्साहित करता है। केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि जैसे ही राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजा जाएगा, उसे योजना के प्रावधानों के अनुसार विचारार्थ लिया जाएगा।




