उत्तराखण्ड
आयुष्मान अस्पताल की जसपुर व सितारगंज यूनिट से 10.39 लाख से अधिक का फर्जीवाड़ा पकड़ा।
संवादसूत्र देहरादून: आयुष्मान व राज्य स्वास्थ्य योजना में सूचीबद्ध ऊधमसिंहनगर के आयुष्मान मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल से जुड़ा फर्जीवाड़ा बड़ा होता जा है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अभी दो दिन पहले ही फर्जी पैथोलाजी रिपोर्ट के आधार पर क्लेम हासिल करने वाले काशीपुर स्थित अस्पताल की सूचीबद्धता निलंबित की थी। अस्पताल की सितारगंज व जसपुर यूनिट में भी अब यही फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। यहां भी क्लेम हासिल करने के लिए फर्जी पैथोलाजी रिपोर्ट का सहारा लिया गया। आडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा होने पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सितारगंज व जसपुर स्थित अस्पताल की सूचीबद्धता भी निलंबित कर दी है। साथ ही अस्पताल को नोटिस भेजकर पांच दिन में जबाव देने को कहा है। वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सिस्टम पर इनका लागइन भी ब्लाक कर दिया गया है। भर्ती मरीजों के लिए लागइन अभी खुला रहेगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि आयुष्मान मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल की सितारगंज यूनिट ने 27 मामलों में सात लाख 82 हजार 180 रुपये का क्लेम प्रस्तुत किया। जिनमें डा. योगेश स्वामी की पैथोलाजी रिपोर्ट लगाई गई। इसी तरह जसपुर यूनिट ने भी 22 मामलों में दो लाख 57 हजार 100 रुपये का क्लेम प्रस्तुत किया। इनमें भी डा. स्वामी की पैथोलाजी रिपोर्ट लगाई। जबकि डा. स्वामी ने अपने लिखित बयान में कहा है कि उनका अस्पताल से कोई वास्ता नहीं है। इन रिपोर्ट पर उनके हस्ताक्षर व मोहर पूरी तरह फर्जी है। इससे पहले काशीपुर स्थित यूनिट में भी 1324 मामलों में तीन करोड़ 42 लाख से अधिक की गड़बड़ी पकड़ में आ चुकी है। यानी यह पूरा फर्जीवाड़ा तीन करोड़ से ऊपर का है।
अस्पताल की जसपुर व सितारगंज यूनिट में 10.39 लाख से अधिक का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। बताया गया है उक्त दोनों चिकित्सा इकाईयों का क्लेम का कुछ भुगतान लंबित था। ऐसे में यह भुगतान रोक दिया गया है। इस रकम को रिकवरी के तौर पर समायोजित किया जा रहा है।
पिछले काफी समय से अस्पताल की ओर से भुगतान के लिए दिए जा रहे बिलों में एकरूपता दिखाई दे रही थी। इन बिलों का आडिट कराया तो गड़बड़ी पकड़ में आ गई। अस्पताल को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। इसके बाद एफआइआर व अन्य तरह की कार्रवाई की जाएंगी।