उत्तराखण्ड
छह दिन बाद भी नहीं खुले मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें।
संवादसूत्र देहरादून/उत्तरकाशी: पुरोला में बृहस्पतिवार को भी मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान नहीं खुले हैं मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों में असुरक्षा का माहौल है। पुलिस और प्रशासन की ओर से मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों को सुरक्षा का अभी तक कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है। पुरोला में गारमेंट्स, नाई, फल सब्जी, मोटर मैकेनिक सहित 40 से अधिक मुस्लिम व्यापारियों के प्रतिष्ठान हैं।
पुरोला व्यापार मंडल ने मुस्लिम व्यापारियों से कहा है कि वह अपने मकान मालिकों से यह शपथ पत्र लिखाकर लाएं कि भविष्य में कोई भी अपराध होने पर पूरी जिम्मेदारी मकान मालिक की होगी।
दरअसल बीते शुक्रवार को पुरोला में नाबालिक छात्रा को भगाने के आरोप में एक हिंदू और एक मुस्लिम युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों के विरुद्ध पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा। इस घटना के बाद से पुरोला में मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध व्यापारियों सहित विभिन्न संगठनों ने मोर्चा खोला। घटना के विरोध में बाजार बंद और जुलूस भी निकाला गया इस दौरान मुस्लिम व्यापारियों के प्रतिष्ठानों की बोर्ड और बैनर भी फाड़े गए। अधिकांश मुस्लिम व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर अपने घरों को लौट गए हैं जबकि 3 मुस्लिम परिवार पुरोला में ही अपने परिवार के साथ लंबे समय से रहते हैं। इन मुस्लिम व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें नहीं खोली हैं। इन मुस्लिम परिवारों ने कहा कि अगर पुलिस बाहर से आने वाले व्यक्तियों के सही ढंग से समय पर जांच करती तो इस तरह की घटना न घटती। जो मुस्लिम व्यापारी लंबे समय से इमानदारी से कार्य कर रहे हैं उन्हें इस घटना का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पुरोला क्षेत्र में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है।