उत्तराखण्ड
चारधाम यात्रा में घोड़े-खच्चरों के साथ क्रूरता पर हाई कोर्ट ने इन जिलों के डीएम, पुलिस, पशुपालन व पर्यटन विभाग से मांगा जवाब।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा मार्ग पर जानवरों के साथ हो रही क्रूरता रोकने व मृत जानवरों का नियमानुसार निस्तारण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के जिलाधिकारी,पुलिस, पर्यटन व पशुपालन विभाग को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी।
दिल्ली निवासी अजय गौतम ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि केदारनाथ, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब में यात्रा शुरू होने के बाद अब तक क्रूरता सहित अन्य वजहों से 400 खच्चर-घोड़ों की मौत हो गई है। जानवरों के लिए भोजन और पानी के साथ-साथ चिकित्सा सहायता व अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है। घोड़ों के मालिक उनके साथ क्रूरता कर रहे हैं। चारधाम यात्रा मार्ग में कोई सीसीटीवी नहीं है। जिससे कि क्रूरता करने वालों की भी निगरानी की जा सके। क्रूरता के विरुद्ध आवाज उठाने वालों के साथ घोड़ा संचालक मारपीट भी कर रहे हैं। जानवरों के शवों को कभी नदी में तो कभी खुले क्षेत्र में फेंक दिया जाता है। जो पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह है।