उत्तराखण्ड
सही काम ना करने पर अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी: रेखा आर्य।
संवादसूत्र देहरादून: कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने समीक्षा बैठक के दौरान लापरवाह अधिकारियों को लगाई फटकार, सही काम ना करने पर विभागीय कार्यवाही की दी चेतावनी।साथ ही अधिकारियों को कहा कि बच्चों एवं महिलाओं के भविष्य के प्रति लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त ,लापरवाह व जिम्मेदारी से कार्य न करने वाले अधिकारियों को कहा कि हो जाये सेवानिवृत्त,
आज महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा विभागीय मंत्री श्रीमती रेखा आर्या जी की अध्यक्षता में पोषण अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड में नवाचार को बढ़ाने हेतु राज्य स्तरीय क्षमता विकास कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक का आयोजन होटल पर्ल एवेन्यू में किया गया जिसमें प्रदेश के समस्त जनपदों के जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया
बैठक आयोजन के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए विभागीय सचिव महोदय ने कहा कि मा0 मंत्री जी के नेतृत्व में विभाग ने जिन नवाचारों के माध्यम से नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है उनका जनपदों से फीडबैक प्राप्त करने एवं गर्भवती , धात्री महिलाओं तथा 6 वर्ष तक के बच्चों हेतु विभाग के विज़न के सापेक्ष जनपदों से क्षेत्रीय अनुभवों पर आधारित विचार प्राप्त करने हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। ध्यातव्य है कि देश में कुपोषण के स्तर को प्रतिवर्ष लक्ष्यवार रूप से कम करने के लिए मा0 प्रधानमंत्री महोदय द्वारा अति महत्वाकांक्षी योजना के रूप में समस्त प्रदेश में पोषण अभियान योजना संचालित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि वे विभाग द्वारा संचालित नंदा-गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना तथा स्पर्श सेनेटरी नैपकिन योजना के लिए प्रत्येक स्तर पर मुखर रहती हैं क्योंकि पोषण अभियान के अंतर्गत कुपोषण को प्रतिवर्ष 2 प्रतिशत की दर से कम करने तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत लिंगानुपात को बढ़ाने के लक्ष्य के दृष्टिगत राज्य में उक्त तीनों महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। अतः इनकी समीक्षा मा0 विभागीय मंत्री जी द्वारा उक्त बैठक में ली गयी।
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना की समीक्षा करते हुए मंत्री जी ने निर्देशित किया कि जिन जनपदों में योजना अंतर्गत लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति कम है वहां आगामी 5 तारीख तक महालक्ष्मी किट का लाभ समस्त पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाया जाए तथा छूट रहे लाभार्थियों को चिन्हित करते हुए समय पर डिमांड प्रेषित की जाए और अधिक से अधिक लोगों तक योजना का जानकारी पहुँचायी जाए।
नंदा-गौरा योजना की समीक्षा करते हुए मंत्री जी ने निर्देशित किया कि पिछले वर्षों के अवशेष लाभार्थियों को लाभ देने हेतु जनपदों को तत्काल बजट उपलब्ध कराया जाए।
साथ ही मंत्री महोदया ने कहा कि विभागीय योजनाओं की स्थिति पर विभाग का अस्तित्व है अतः इन योजनाओं की लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति होना सबसे महत्वपूर्ण है। महिला एवं बाल विकास विभाग की पहचान आज से 5 वर्ष पहले तक नही थी, लेकिन इन्ही योजनाओं के कारण विभाग की पहचान बढ़ी है। अतः इस संबंध में अपेक्षानुरूप प्रगति न होने पर दंडात्मक कार्यवाही भी की जाएगी।