उत्तराखण्ड
जलापूर्ति, स्वयं के राजस्व स्रोत, पंचायत आडिट,ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ई- गवर्नेन्स विषयक प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन।
संवादसूत्र देहरादून/गैरसैण: पंचायती राज विभाग द्वारा जनपद चमोली के विकास खंड गैरसैंण में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का जलापूर्ति, स्वयं के राजस्व स्रोत, पंचायत आडिट,ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ई- गवर्नेन्स विषयक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सहायक खंड विकास अधिकारी (पंचायत) रघुवीर लाल ने कहा कि पंचायतों को सशक्त करने के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से विकास कार्यों को गति मिलती है एवं पंचायत पंचायत प्रतिनिधियों की कार्य क्षमता का विकास होता है। मुख्य प्रशिक्षक डॉ सुभाष चंद्र पुरोहित ने बताया कि पंचायती राज विभाग द्वारा पूरे प्रदेश के 13 जनपदों के 95 विकास खंडों की 7791 ग्राम पंचायतों के त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों ( जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्यों) को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पंचायतों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण विकास कार्यों के संचालन के साथ साथ पंचायत प्रतिनिधियों की क्षमता का विकास करना है। प्रशिक्षक हरि प्रसाद मंमगाई ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की नीति पर विस्तार से अपने विचार रखे। प्रशिक्षक गिरीश नौटियाल ने पंचायत आडिट, जलापूर्ति एवं ई- गवर्नेन्स विषय पर उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को विस्तार से जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर क्षेत्र पंचायत सदस्य रमेशचंद्र , ग्राम प्रधान मुकेश कुमार, गोवर्धन प्रसाद, विक्रम सिंह, धर्मवीर सिंह पंवार, रेवती बिष्ट, दीपा नेगी,भीम सिंह,कमला देवी, विक्रम लाल, मंजू देवी ध्यान सिंह बिष्ट, नन्दू राम, प्रेम बल्लभ, सुरेन्द्र सिंह, शिबुली देवी, भागीरथी नेगी, इन्द्रा नेगी, प्रेम सिंह, सहित ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्यों ने प्रतिभाग किया।