उत्तराखण्ड
विकास नगर का बहुचर्चित मामला: प्रेमी युगल की हत्या मामले में मुख्य अभियुक्त सहित तीन अन्य बरी।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: दिल्ली से चकराता घूमने आए प्रेमी युगल की लूटपाट व साक्ष्य छिपाने के बहुचर्चित मामले में न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के आधार पर मुख्य अभियुक्त सहित सह अभियुक्तों को बरी करने के आदेश दिए हैं। पिछले माह कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था। अभियोजन के अनुसार 22 अक्टूबर 2014 को दीवाली की छुट्टियों में अभिजीत पाल पुत्र अतुल पाल निवासी कोलकाता हाल निवासी नई दिल्ली और मोमिता दास पुत्री मृणाल कृष्णादास निवासी लाडो सराय नई दिल्ली घूमने के लिए देहरादून के चकराता आए थे।अगले दिन टाइगर फॉल घूमने के बाद दोनों लापता हो गए। मोमिता के घरवालों ने 23 अक्टूबर 2014 को उसे फोन लगाया तो संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली के लाडो सराय थाने में मोमिता की गुमशुदगी दर्ज की। पुलिस जांच में मोमिता के फोन की आखिरी लोकेशन चकराता में मिली और आईईएमआइ नंबर के आधार पर उसके मोबाइल में राजूदास के नाम का सिम भी ट्रेस हो गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने विकासनगर और चकराता पुलिस को साथ लेकर राजूदास की तलाश शुरू की। पुलिस ने राजूदास को लाखामंडल, चकराता और टाइगर फॉल में तलाशते हुए उसे वाहन के साथ गिरफ्तार किया।