उत्तराखण्ड
निमोनिया से बचाने के लिए बच्चों को लगेगी न्यूमोकोकल कॉजूगेट वैक्सीन।
संवादसूत्र देहरादून : उत्तराखण्ड में अब बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए न्यूमोकोकल कॉजूगेट वैक्सीन दी जायेगी। राज्य के स्वास्थ्य सचिव श्री अमित नेगी द्वारा बताया गया कि कल दिनांक 13 जून, 2021 से न्यूमोकोकल कॉजूगेट वैक्सीन को नियमित टीकाकरण के अन्तर्गत सम्मिलित किया जा रहा है। इस जनकल्याणकारी अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय संस्था यू०एन०डी०पी० जे०एस०आई० तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन सहयोग करेगें।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गयी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निमोनिया बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है और विश्व भर में निमोनिया से होने वाली मृत्यु में से 20% भारत में होती है। भारत में 05 वर्ष से के शिशुओं में 15% मृत्यु निमोनिया से होती है, जिसकी संख्या वर्ष 2015 में 53,300 थी। यह पाया गया है निमोनिया का प्रमुख कारण न्यूमोकोकस है। न्यूमोकोकल निमोनिया के विरुद्ध न्यूमोकोकल कोजूगेट वैक्सीन (PCV) एकमात्र रोकथाम का उपाय है।
इस वैक्सीन से बच्चों को न्यूमोकोकल निमोनिया के कारण होने वाली बिमारियों से बचाव प्रदान किया जा सकता है। यह वैक्सीन निर्मानिया के साथ साथ अन्य रोगों जैसे सेप्टिसीमिया, मैनिन्जाइटिस, मध्य कान का संक्रमण से भी बचाव करती है। अभी तक न्यूमोकोकल कॉजूगेट वैक्सीन केवल पांच राज्यों में उपलब्ध हैं किन्तु केंद्र सरकार की सहायता एवं राज्य सरकार की प्रयासों से अब यह वैक्सीन उत्तराखंड के बच्चों के लिए भी उपलब्ध होने जा रही है। जैसा की माना जा रहा है की कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेंगी ऐसे समय में यह पैक्सीन उत्तराखंड के बच्चों को कोरोना से अतिरिक्त सुरक्षा भी प्रदान करेगी।
ज्ञातव्य है कि उत्तराखण्ड में न्यूमोकोकल निर्मानिया से बचाव के लिए निजी चिकित्सकों द्वारा यह वैक्सीन गत वर्षो से दी जा रही है, जिसके लिए बच्चों के माता-पिता को रू० 10000 रू0 12000 तक पैसा खर्च करना पड़ता है, लेकिन अब भारत सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड राज्य के 183008 बच्चों को इस वैक्सीन की 03 डोज राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत निःशुल्क दी जायेगी। यह डोज बच्चे के जन्म के उपरान्त 06 सप्ताह 14 सप्ताह तथा 09 माह में दी जायेगी।