उत्तराखण्ड
पंचायत स्तर पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नीति को प्राथमिकता दें पंचायत प्रतिनिधि: डॉ.पुरोहित।
संवादसूत्र चकराता : पंचायतीराज विभाग द्वारा आयोजित पंचायत प्रतिनिधियों का दो दिवसीय क्षमता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम चकराता विकासखंड की न्याय पंचायत रंगेऊ में दिनांक 23 जुलाई 2021 को रा0 इ0 का0 मेहरावना में शुभारंभ हुआ । कार्यक्रम में उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए मुख्य प्रशिक्षक डा सुभाष चंद्र पुरोहित ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को मूर्त रूप देने के लिए आवश्यक है कि पंचायत स्तर पर कूडा प्रबंधन की ठोस नीति का निर्धारण किया जाय । कूडा प्रबंधन के लिए सबसे अवश्यक तीन बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है प्रथम कूडे का कम से कम उत्सर्जन के लिए प्रयास,दूसरा पुन: उपयोग , और तीसरा पुनर्चक्रण। कूडा प्रबंधन में जैविक और अजैविक कूड़े को अलग अलग कर समुचित निस्तारण के लिए गांव के हर ब्यक्तित्व को जागरूक करने की आवश्यकता है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नीति 2017 में पंचायतों को कूडा प्रबंधन के द्वारा आय अर्जित करने , ब्यवस्था के खिलाफ जाने वाले ब्यक्ति पर अर्थ दंड का अधिकार एवं नीति निर्धारण का पूरा अधिकार दिया गया है। प्रशिक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने जी पी डी पी पर विचार रखते हुए कहा कि गांव स्तर पर जब भी किसी योजना का प्रस्ताव बनता है तो सभी वार्ड सदस्यों को विश्वास में लेकर एवं सभी सदस्यों की सहमति पर योजनाओं का नियोजन करना चाहिए । जी पी डी पी तैयार करते समय यह जरूरी है कि पंचायत के सभी वार्ड सदस्य एवं ग्राम समितियों के सदस्य अधिक से अधिक संख्या में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें एवं उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप प्राथमिकता के आधार पर नियोजन करें ।ग्राम विकास अधिकारी प्रमिला बिष्ट ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागी न्याय पंचायत के पंचायत सदस्यों को बताया कि गांव के विकास में वार्ड सदस्यों की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। वार्ड सदस्यों को गांव के विकास कार्यों में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाना चाहिए।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान विरेन्द्र सिंह , ग्राम प्रधान मेहरावना शर्मिला देवी, ग्राम प्रधान बुरास्वा सुशीला रावत, ग्राम प्रधान रावना मदनलाल,, सुरेन्द्रा देवी, महावीर नेगी यक्ष, गोविंद तोमर, उजाला देवी, विरेन्द्र जोशी, मातवर सिंह चौहान, पप्पू वर्मा, सुदामा देवी सहित 11 ग्राम पंचायतों के प्रधान एवं पंचायत सदस्य मौजूद रहे।