उत्तराखण्ड
रेलवे और एफसीआइ का अधिकारी बताकर नौकरी के नाम पर 44 लाख की ठगी,दो गिरफ्तार।
संवादसूत्र देहरादून/ ऋषिकेश: रेलवे में सरकारी नौकरी दिलाने का लालच देकर कई युवकों से 44 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो आरोपितों को ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में शामिल अन्य आरोपितों की पुलिस तलाश कर रही है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने बताया कि इस संबंध में पांच जून 2022 को मिशन हास्पिटल रोड सतपुली पौड़ी गढ़वाल निवासी सोनू पुत्र हनुमंत सिंह ने ऋषिकेश कोतवाली में तहरीर दी थी। जिसमें सोनू ने बताया कि कुछ समय पूर्व उसकी मुलाकात ऋषिकेश में संदीप कुमार नाम के व्यक्ति ने से हुई थी। संदीप ने स्वयं को एफसीआइ आफिसर बताकर अपने दोस्त रविंद्र से मुलाकात कराई और रविंद्र को रेलवे में अधिकारी बताते हुए उसे रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए झांसे में लिया। जिसके बाद सोनू और उसके दोस्त मोहित ने रेलवे में नौकरी लगवाने के लिए आरोपितों को 14 लाख रुपये दिए। मगर, समय बीतने के बाद भी न उन्हें नौकरी मिली और ना ही उनके पैसे वापस किए गए। जिस पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर दिया था। वहीं 15 अगस्त 2022 को त्रिलोकी दास व कुछ अन्य ने भी ऋषिकेश कोतवाली में इस संबंध में तहरीर दी थी। जिसमें उन्होंने संदीप कुमार, रविंद्र तथा उनके दो अन्य दोस्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। त्रिलोकी नाथ ने बताया कि आरोपितों ने उनके छह बच्चों को रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर कुल 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। जिस पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने बताया कि इस मामले को लेकर गठित की गई पुलिस टीम ने रविवार को दो आरोपितों संदीप कुमार पुत्र हर स्वरूप सिंह निवासी लोटस गंगा कालोनी के समीप थाना कोतवाली रानीपुर रोशनाबाद हरिद्वार मूल निवासी मोहल्ला मिसकियां थाना स्योहारा जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश तथा रविंद्र सिंह पुत्र महिपाल सिंह निवासी लोटस गंगा कालोनी रोशनाबाद हरिद्वार मूल निवासी रतनपुर थाना धामपुर बिजनौर उत्तर प्रदेश को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपितों से पूछताछ के आधार पर उनके अन्य साथियों की भी तलाश की जा रही है।
पूछताछ में आरोपितों ने पलिस को बताया कि वह दोनों मूल रूप से बिजनौर के रहने वाले हैं। आरोपित संदीप कुमार सिडकुल हरिद्वार में एक फैक्ट्री में काम करता है। जबकि रविंद्र की रोशनाबाद में कास्मेटिक की दुकान है। बताया कि उनका बिजनौर निवासी एक अन्य साथी है, जो पूर्व में ऋषिकेश में रहता था। वह सभी मिलकर नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे पैसों की ठगी करते हैं। बताया कि ऋषिकेश में रहने वाला साथी अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर युवाओं को झांसे में लेता था। जबकि संदीप स्वयं को एफसीआइ आफिसर तथा रविंद्र स्वयं को रेलवे का अधिकारी बताकर युवकों को अपने जाल में फंसाता था। उन्होंने बताया कि आरोपितों के आपराधिक इतिहास की जानकारी ली जा रही है।