उत्तराखण्ड
20 अप्रैल तक मरम्मत कर जनता के लिए खोलें पुल।
- हाई कोर्ट ने नारायणबगड़ के पुल के मामले में लोनिवि को दिए निर्देश।

संवादसूत्र देहरादून/ नैनीताल: हाई कोर्ट ने नारायण बगड़ चमोली में पिंडर नदी पर बने 84 मीटर लंबे पुल का जीर्णोद्धार तय समय के भीतर नहीं किए जाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित करते लोनिवि को 20 अप्रैल तक पुल की मरम्मत का काम पूरा कर आमजन के लिए खोलने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने तय समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने पर कड़ी नाराजगी भी व्यक्त की।
बुधवार को सुनवाई के दौरान लोनिवि की ओर से आश्वासन दिया गया कि पुल का पूरा काम 20 अप्रैल तक पूरा कर उसको आमजन के लिए खोल दिया जाएगा। जबकि ग्रामीणों की ओर से बताया गया कि पुल की मरम्मत करने के लिए दिसंबर 2024 को निविदा जारी हुई, जिसके बाद पुल पर तीन माह के लिए आवाजाही बंद कर दी, इसकी वजह से विकास खण्ड के 37 गांव के ग्रामीणों को अपनी शादियों की तिथि भी आगे बढ़ा दी लेकिन अभी तक पुल का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया। इस वजह से ग्रामीणों को 26 किलोमीटर अतिरिक्त चौपता- भटियाण के वैकल्पिक मोटर मार्ग से जाना पड़ रहा है। तय समय में कार्य पूर्ण नही होने के साथ साथ क्षेत्र के लोगों व व्यापारियों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
नारायण बगड़ निवासी जयबीर सिंह जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पुल की स्थिति जीर्णक्षीर्ण है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता था। पुल की मरम्मत राज्य योजना के तहत की जानी थी। दिसंबर 2024 को लोनिवि ने निविदा प्रक्रिया पूरी की और तीन माह में कार्य पूर्ण करने का समय निर्माण कंपनी को दिया गया लेकिन कंपनी ने अभी तक कार्य पूर्ण नहीं किया जबकि यह पुल 36 गांवों को जोड़ता है। क्षेत्र वासियों ने पुल का कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण अपने आवश्यक कार्यों की तिथि में भी बदलाव किया है। उनको अपने जरूरी कार्य पूर्ण करने के लिए 26 किलोमीटर के वैकल्पिक मार्ग से जाना पड़ रहा है। जिसकी वजह से क्षेत्र के लोगों का समय व पैसे की बरबादी हो रही है। याचिका में पुल को शीघ्र आवाजाही के लिए खोलने की मांग की है, इसलिए कि 14 अप्रैल से बैशाखी का मेला भी शुरू होने वाला है।

