उत्तराखण्ड
रिटायर्ड आइपीएस के पुत्र और दोस्तों के साथ बदसलूकी के आरोप में निलंबित वन दारोगा और आरक्षी हुए बहाल।
संवादसूत्र देहरादून/ ऋषिकेश: लक्ष्मण झूला थाना अंतर्गत बैराज पुल पर आगरा के रिटायर्ड आइपीएस अफसर के बेटे और उनके साथियों साथ गाली गलौज मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में निलंबित एक वन दारोगा और एक आरक्षी को निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व ने बहाल कर दिया है।
बीते शुक्रवार को उपनिदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व अमित कुमार ने आदेश जारी कर वन दरोगा अनिल कुमार और आरक्षी हरीश कुमार को निलंबित कर दिया था। इस मामले में जांच अधिकारी बनाए गए वार्डन एलपी टम्टा ने अपनी रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया इन दोनों को दोषी पाया था। मामले की रिपोर्ट थाना लक्ष्मण झूला में उत्तर प्रदेश आगरा के रिटायर्ड आइएएस अफसर एससी यादव के पुत्र विकास कुमार की ओर से दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि 29 मार्च की रात को विकास कुमार और उसके दोस्त कार से हरिद्वार जाने के लिए बैराज पुल पर पहुंचे। इस दौरान वन विभाग के चेक पोस्ट पर तैनात एक वन दरोगा अनिल कुमार और आरक्षी हरीश कुमार ने कार को हरिद्वार की ओर जाने से रोक लिया। आरोप है कि विकास कुमार और उसके साथियों से गाली गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने दी गई थी।
इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के संगठन मुखर हो गए थे। मौके की एक अन्य वीडियो भी वायरल हुई थी। जिसमें यह पर्यटक वन विभाग के कर्मचारियों के साथ बदसलूकी करते नजर आए। सोमवार को निदेशक व वन संरक्षक और राजाजी टाइगर रिजर्व देहरादून अखिलेश तिवारी ने वन दारोगा और आरक्षी के निलंबन आदेश निरस्त करते हुए उन्हें बहाल कर दिया है। मामले की जांच पूरी होने तक यह दोनों वन क्षेत्राधिकारी चीला कार्यालय से संबंध रहेंगे। निदेशक के मुताबिक बीते रविवार को वन क्षेत्राधिकारी चीला ने अपनी रिपोर्ट दी। जिसमें उन्होंने बताया कि घटना की रात 9:30 बजे प्रतिबंधित क्षेत्र में इन पर्यटकों को मौके पर तैनात वन दारोगा अनिल कुमार और आरक्षी हरीश कुमार की ओर से रोका गया था, इस बात के साक्ष्य प्रस्तुत एक वीडियो और सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से भी मिले हैं।