उत्तराखण्ड
सड़क पर गड्ढे या गड्ढों पर सड़क।
संवादसूत्र देहरादून/रुद्रप्रयाग: जी हाँ यही हाल है ऋषिकेश -बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जनपद रुद्रप्रयाग के रतूडा व शिवानंदी के बीच,जो सड़क कम तालाब ज्यादा लग रही है।
2014 में सीमा सड़क संगठन से से सीमाओं की सड़के लेकर प्राइवेट कंपनियों को देकर सरकार ने गुणवत्ता व बारह माहो खुली रहने के दी,लेकिन अब इन ठेकेदारों की हठधर्मीता के आगे आम आदमी के लिए मुसीबत बनती जा रही है। सरकार चाहे कितना भी सड़कों के गड्ढा मुक्त होने का दावा करे, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग जो बेहद खस्ताहाल हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कें शासन के दावों की पोल खोल रही हैं। खास बात तो यह है कि गड्ढों में तब्दील हो चुकीं इन सड़कों के निर्माण के लिए प्राइवेट कंपनी को ठेका दिया गया है ताकि ये सड़के बारह महीने खुली रहे,लेकिन अब ये आमजन के लिए अभिशाप बनती जा रही है।
ऋषिकेश- बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रतूडा व शिवानंदी के बीच राजमार्ग तालाब में तब्दील हो चुका है, और कार्यदायी संस्था किसी बडे दुर्घटना के इंतजार में पलकें गडाये बैठी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी, उनकी गाड़ियां भी इन्हीं सड़कों में बने गड्ढों से होकर निकलती हैं, लेकिन उन्हें गड्ढे दिखाई नहीं देते है क्योंकि कही न कही इन कंपनियों से साठगांठ बंधी सी लगती है। जबकि धामी सरकार ने सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का फरमान दिया था। लेकिन वह फरमान भी ऊँची पहुँच रखने वाले अधिकारियों ने इन तालाब नुमा सड़को पर पानी का जहाज बनाकर बहा दिया।आलम यह है कि आमजन शिकायत किससे करे,जिले के आलाधिकारियो ने फोन न उठाने की कसमे खायी है।वही एन एच के प्रोजेक्ट मैनेजर संजीव शर्मा कहते हैं कि दस दिन बाद ही ठीक करवा पाऊगा,वही जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि उपजिलाधिकारी को बता दिया गया है उनसे टाइप करे।