उत्तराखण्ड
घश्यारी नीति निर्धारण को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

संवादसूत्र देहरादून/नई दिल्ली: निर्देशक फीचर फिल्म घश्यारी सुनील बडोनी ने उत्त्तराखण्ड में लगातार काल का ग्रास बन रही घसियारियों को लेकर ठोस नीति बनाने को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
जिसमे बताया गया था कि पलायन की मार से बेहाल उत्तराखंड के आज लगभग 1700 गांव भूतहा हो गए हैं। वहीं उत्तराखंड के जीवन की धुरी आज भी काल का ग्रास बन रही है या फिर स्थाई रूप से अपाहिज हो रही है,कल 26, अक्टूबर,2025 को डूण्डा तहसील अंतर्गत ग्राम -रनाड़ी की एक महिला घास काटते समय लुढ़कती चट्टान के चपेट में आकर काल का ग्रास बन गई,महोदय घश्यारी किसी भी आयु वर्ग की होती हैं, दुर्घटना की स्थिति में अपने पीछे छोटे-छोटे बच्चे छोड़ जाती हैं या फिर जीवन भर पराश्रित कष्टमय जीवन जीने को विवश हैं।
उन्होंने कहा कि घश्यारी ही पहाड़ को जीवित,आबाद व सुरक्षित रख सकती है, लेकिन पहाड़ का यह कर्मठ नारी वर्ग सदैव से सरकारों की उदासीनता का शिकार रहा है।
उत्तराखंड सरकार घश्यारी की सुरक्षा,संरक्षण व बेहतर जीवन हेतु एक ठोस नीति बनाये,ऐसी मांग करते हैं।उस नीति में घायल होने की स्थिति में रू.5 लाख व मृत्यु की स्थिति में रू.10 लाख का प्रावधान रखा जाय।
ज्ञापन देने वालों मे अजय बिष्ट,प्रताप थलवाल, जय लाल नवानी, सुभाष नौटियाल और बिजेन्द्र रावत आदि शामिल थे।





