उत्तराखण्ड
यूक्रेन से लौटे शम्मी सिद्दीकी ने आंखों देखा खौफनाक मंजर बयान किया।
संवादसूत्र देहरादून/ हरिद्वार: रूस के हमले से बिगड़े हालातों के बीच यूक्रेन से लौटे कलियर के महमूदपुर निवासी मेडिकल छात्र शम्मी सिद्दीकी ने आंखों देखा खौफनाक मंजर बयान किया, जिसे सुनकर रौंगटे खड़े हो गए। बेटे के सकुशल घर लौटने पर परिवार खुदा को शुक्र अदा करते नहीं थक रहा है। शम्मी यूक्रेन ने तीन फ्लाइट बदलकर खटीमा निवासी अपने सहपाठी मोहम्मद अकरम के साथ भारत पहुंचे हैं। शम्मी और उनका परिवार अब यूक्रेन में फंसे अपने सहपाठियों की सलामती की दुआएं कर रहे हैं।
महमूदपुर निवासी समाजसेवी मोहसिन सिद्दीकी के बेटे शम्मी सिद्दीकी साल 2017 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए थे। वह यूक्रेन की राजधानी कीव में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। शम्मी सिद्दीकी ने बताया कि रूस ने सबसे पहले सीमावर्ती शहर डोनेस्ट और लोहांस पर हमला किया। इससे हालात तनावपूर्ण हो गए। रूसी सेना ने यूक्रेन के पड़ोसी देश बेलारूस में जमावड़ा लगा लिया था और यहां से कीव की दूरी केवल 75 किलोमीटर है। इसलिए खतरा हर घंटे बढ़ रहा था। इधर, यूक्रेन पर रूस के हमले की खबर से उनका परिवार बेचैन हो रहा था। उधर, भारतीय दूतावास से सभी मेडिकल छात्रों को सूचना दी गई कि आपात स्थिति में जो भी छात्र घर लौटना चाहता है, वह रवाना हो सकता है। शम्मी ने बताया कि ज्यादातर छात्र अपनी क्लास छूटने के कारण असमंजस में थे और इसीलिए घर लौटना नहीं चाहते थे। लेकिन बच्चों के एक स्कूल पर रूसी हमले के बाद उन्हें लगा कि खतरा उठाना ठीक नहीं है। क्योंकि वह राजधानी कीव में थे और संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजधानी कीव में ही स्थित है। इसलिए आशंका था कि रूस किसी भी समय यूक्रेन की राजधानी कीव को निशाना बना सकता है। शम्मी और उनके दोस्त मोहम्मद अकरम ने 20 फरवरी को फ्लाइट का टिकट बुक कराया और 22 फरवरी को कनेङ्क्षक्टग फ्लाइट से वह भारत पहुंच गए। शम्मी के वालिद मोहसिन सिद्दीकी बताते हैं कि यूक्रेन पर रूसी हमले की खबर सुनने के बाद से उनकी नींद उड़ी हुई थी। वह लगातार शम्मी से बात कर घर लौटने के लिए कह रहे थे। बेटे के सलामत घर पहुंचने से बहुत सुकून मिला है। बताया कि उनका परिवार अब यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय छात्रों के सकुशल लौटने की दुआएं कर रहा है।