उत्तराखण्ड
चैक बाउंस मामले में महिला को छह माह का कारावास।
संवादसूत्र देहरादून/ऋषिकेश: चैक बाउंस के एक मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट व सिविल जज जूनियर डिविजन ऋषिकेश ने एक महिला को चाह माह के साधारण कारावास तथा दो लाख 97 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
इस मामले में गैरोला नगर पुरानी चुंगी हरिद्वार रोड निवासी अशोक कुमार तिवारी पुत्र देवी चरण तिवारी ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उन्होंने बताया कि वह पंडिताई का कार्य करते हैं। पंडिताई का कार्य करने के लिए वह आइडीपीएल कालोनी निवासी बैजनाथ घर पर आते जाते थे। आरोप है कि वर्ष 2014 में बैजनाथ की पत्नी रामरति देवी उनके पास आई। उसने बताया कि उनके पति की तबीयत अत्यंत खराब है। जिसके लिए उन्हें पैसों की आवश्यकता है। पुरानी जान पहचान होने और परिस्थिति को देखते हुए अशोक कुमार तिवारी ने रामवती देवी को तीन लाख रुपए उधार दे दिए। उन्होंने बताया कि रामरति देवी ने कुछ समय बाद उन्हें 8000 रुपए नगद तथा दो लाख 92 में हजार रुपए का चेक सौंपा। मगर जब उन्होंने यह चेक कैश कराना चाहता बैंक ने खाते में पैसा ना होने का हवाला देते हुए चेक वापस कर दिया। जब उन्होंने रामरति देवी को नोटिस दिया तो उन्होंने न तो नोटिस का जवाब दिया और ना ही भुगतान किया।
यह मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं न्यायालय सिविल जज जूनियर डिविजन ऋषिकेश राजेंद्र कुमार की अदालत में विचाराधीन था। इस मामले में न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपित रामरति देवी को चेक बाउंस के मामले में दोषी पाया। परिवादी के अधिवक्ता शुभम राठी ने व हनी चौधरी ने बताया कि न्यायालय ने रामरति देवी को इस मामले में छह माह के साधारण कारावास तथा दो लाख 97 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि में से 2.92 लाख रुपए प्रतिकार के रूप में अशोक कुमार तिवारी को देने तथा 5000 रुपए जुर्माने के रूप में न्यायालय में जमा कराने के निर्देश दिए हैं।