उत्तरप्रदेश
वित्तीय धोखाधड़ी पर सख्ती:आरबीआई की राज्य स्तरीय समिति की बैठक में समन्वय और त्वरित कार्रवाई पर जोर।

संवादसूत्र देहरादून: भारतीय रिजर्व बैंक की राज्य स्तरीय समन्वय समिति की वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम से संबंधित उप-समिति की बैठक मंगलवार को उत्तराखंड सचिवालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने की। बैठक में राज्य में बढ़ती वित्तीय एवं साइबर धोखाधड़ी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विभागों और संस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय तथा त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया।
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी पर प्रभावी रोक लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक, पुलिस विभाग और बैंकिंग संस्थानों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने मोबाइल एप और डिजिटल माध्यमों से होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए पुलिस विभाग को तकनीकी उपाय विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों के मामलों में समय पर कार्रवाई से ही धन की रिकवरी और अपराधियों पर नियंत्रण संभव है।
बैठक में बताया गया कि राज्य में वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए एसटीएफ के अंतर्गत एक फाइनेंशियल फ्रॉड यूनिट का गठन किया गया है। वित्त सचिव ने इस यूनिट में साइबर विशेषज्ञों की तैनाती के साथ बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
साइबर अपराधों की रोकथाम को लेकर यह सुझाव भी दिया गया कि पुलिस कमांड सेंटर में साइबर क्राइम इकाई और बैंक प्रतिनिधि संयुक्त रूप से कार्य करें, ताकि धोखाधड़ी के मामलों में धन की शीघ्र रिकवरी हो सके और धोखेबाजों द्वारा धन निकासी पर तत्काल रोक लगाई जा सके। बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा में इस मॉडल के सफल क्रियान्वयन से गैर-बैंकिंग माध्यमों से धन अंतरण में उल्लेखनीय कमी आई है।
बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में राज्य में 281 कंपनियां कार्यरत हैं, जिनका सत्यापन संबंधित नियामक संस्थाओं द्वारा किया जाता है। आम जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से इन कंपनियों की सूची राज्य एवं जिला स्तर की सरकारी वेबसाइटों पर अपलोड किए जाने का निर्णय लिया गया।
इसके अतिरिक्त बताया गया कि लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में राज्य में 14 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिन्हें जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया है। बैठक में अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम-2019 के तहत बीयूडीएस रजिस्ट्री पोर्टल के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
बैठक में संयुक्त सचिव गृह गजेन्द्र सिंह, आरबीआई की महाप्रबंधक नीता बेहरामफ्राम, अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती, पुलिस उपाधीक्षक नीरज सेमवाल, सहायक पुलिस अधीक्षक एसटीएफ कुश मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।




