उत्तराखण्ड
उत्तराखंड सहित देश के अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स अभी भी फंसे यूक्रेन में,150 छात्र रेस्क्यू किए गए।
संवादसूत्र देहरादून (एजेंसी): विभिन्न एजेंसियों और चैनलों से मिली खबर के अनुसार रूस का यूक्रेन पर हमले के बाद वहां अलग-अलग शहरों की यूनिवर्सिटीज में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्र जगह-जगह फंस गए हैं। इनमें डर का माहौल है। सुबह के समय छात्रों का कहना था कि इंडियन एम्बेसी में फोन रिसीव नहीं हो रहे हैं, जिससे उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है। इस बीच दोपहर में एम्बेसी ने 150 छात्रों को रेस्क्यू किया है। जो छात्र रेस्क्यू नहीं हो पाए हैं, वे अपने हॉस्टल और घरों में छिपे हुए हैं। वहीं एम्बेसी ने भी भारतीय स्टूडेंट को फ्लैट से निकलने को मना कर दिया है। कहा गया है कि 6 दिन जहां, जैसे हैं, उसी हालत में निकालें। यही नहीं, एम्बेसी ने एटीएम तक जाने से भी रोका है, क्योंकि कोई लूट की घटना हो सकती है।
यूक्रेन में जंग शुरू होने के बाद यूपी के करीब 3000 छात्र वहां फंस चुके हैं। रूस के बॉर्डर एरिया के शहरों में हालात तनावपूर्ण हो चुके हैं। वहीं पोलैंड से सटे हुए शहरों में भी गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई है। सड़कें और बाजार सेना के कब्जे में जा चुके हैं। सिर्फ 8 घंटे में इन शहरों के हालात बदल गए हैं। तरनोपिल शहर के जिन मेडिकल स्टूडेंट ने बुधवार देर शाम ये बताया था कि हालात काबू में हैं, वो गुरुवार सुबह के बाद हुए हमले की वजह से दहशत में हैं, क्योंकि सेना के नियंत्रण वाले इलाकों में हाउस अरेस्ट जैसी स्थिति है। अब उनके लिए देश छोड़ना भी मुश्किल हो गया है।
इन हालात में यूक्रेन में फंसे राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, UP, MP और हिमाचल के छात्रों की लाइव कहानी उन्हीं की जुबानी..…
आरा के एक मेडिकल छात्र कृष्णपाल दुर्गध्वज सिंह यूक्रेन (Ukraine) के लविव (Lviv) सिटी में फंसे हुए हैं। वो वहां के नेशनल मेडिकल कॉलेज में MBBS 2nd ईयर में पढ़ते हैं। परिवार उन्हें सही-सलामत वापस भारत लाने की गुहार लगा रहा है। कृष्णपाल मूल रूप से अगिआंव प्रखंड के बरुणा गांव के निवासी हैं। वर्तमान में उनका पूरा परिवार आरा शहर के नाला मोड़ मुहल्ले में रहता है। परिवान से युद्ध के बारे में सुना है, तब से बेटे की सही-सलामती घर वापसी की दुआ कर रहे हैं। मां और दादी का रो-रोकर बुरा हाल है।
यूक्रेन के कीव स्टेशन पर फंसे बिहार के मोतिहारी निवासी दीपक कुमार ने बताया कि इंडियन एम्बेसी ने भारतीय स्टूडेंट्स का संज्ञान लिया है। स्टेशन समेत कीव में फंसे लगभग 150 स्टूडेंट्स को रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी सभी को एक स्कूल में रखा जा रह यह स्कूल कीव के रेलवे स्टेशन के पास का ही बताया जा रहा है।
यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे दीपक कुमार और रक्सौल निवासी रजत रोशन ने बताया- देर रात 1 बजे टरनोपिल स्टेशन से कीव के लिए ट्रेन पकड़ी। तीन दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद तीन गुना पैसे देकर फ्लाइट का टिकट लिया था, इस बात की खुशी थी कि घर वापस पहुंच जाएंगे। फ्लाइट कीव से दुबई के लिए जानी थी, लेकिन ये नहीं पता था कि कीव में ही हम दोनों फंस जाएंगे। दोनों टरनोपिल मेडिकल कॉलेज, यूक्रेन में द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। रूम मेट भी हैं, इसलिए साथ घर लौटने की तैयारी में थे।
दीपक ने बताया कि देर रात जब स्टेशन से ट्रेन खुली तो जल्द घर पहुंचने के लिए उत्सुक था। ट्रेन को सुबह की पहुंचना था, लेकिन देर रात से ट्रेन को बार-बार रोकना पड़ रहा था। जब सुबह नींद खुली तो मोबाइल पर मैसेज देखा कि फ्लाइट कैंसिल हो गई है। जब न्यूज देखा तो पता चला कि रशियन आर्मी ने एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया है। वहीं, सारी फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। दोपहर में 1 आसपास ट्रेन कीव पहुंची। सभी को स्टेशन पर ही इसके बाद स्टेंस को स्टेशन के पास के एक स्कूल में रेस्क्यू किया गया है।
इससे पहले बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले सौरभ कुमार ने सुबह भास्कर को बताया था जिन बच्चों की आज फ्लाइट थी, वह कैंसिल कर दी गई है। यूक्रेन के विनित्सिया नेशनल मेडिकल कॉलेज में थर्ड ईयर के स्टूडेंट सौरभ ने कहा कि दोपहर तक उसी ट्रेन में बैठे थे जिसे कीव स्टेशन से 15 किलोमीटर पहले ही रोक लिया गया। कई घंटे से ट्रेन न आगे बढ़ रही थी, न पीछे जा रही थी। ऐसे में ट्रेन में सवार यात्री और उसमें बैठे भारतीय छात्र भी घबराए हुए थे। बाद में करीब 1 बजे ट्रेन कीव पहुंची। इस बीच एम्बेसी का फोन भी लगातार बिजी जा रहा था।
रोहतक निवासी मोहित ने बताया यूक्रेन की राजधानी की से 60 किमी पूर्व में स्थित सूमी शहर में सारे बाजार बंद हैं। यह वही इलाका है, जिन प्रदेशों में झगड़ा चल रहा है। यह सीमा से चंद किमी दूर ही है। मोहित ने बताया कि लोगों के जेब में और ATM में पैसे खत्म हो चुके हैं। मोहित के साथ पंजाब के छात्र विशाल भी हैं। दोनों कीव में थे और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। दो दिन पहले ही कीव से सूमी शहर में आ गए थे।
फतेहाबाद के विभिन्न क्षेत्रों के रहने वाले 12 के करीब युवा यूक्रेन में फंसे हुए हैं। रूस के हमले के बाद अब उनके परिजन भी अपने बच्चों की सलामती को लेकर चिंतित हो गए हैं। शहर के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी साहिल की 25 फरवरी की फ्लाइट थी, लेकिन रूस के हमले के बाद सभी फ्लाइट को रद्द कर दिया गया है। उनके साथ ही गांव टिब्बी से छात्रा शुभम भी यूक्रेन में फंसी हुई है। साहिल ने बताया कि वह पढ़ने के लिए एक साल पहले यूक्रेन गया था। साहिल ने बताया कि लोगों में अफरा-तफरी मची हुई है। लोग शहर छोड़कर जा रहे है। इसके अलावा एटीएम के बाहर भीड़ लगी हुई। वहीं स्वजन भी उससे बार बार फोन से संपर्क कर रहे है। गांव टिब्बी से छात्रा शुभम भी यूक्रेन में है। उनके परिजन भी वहां के हालात और बढ़ी हुई दिक्कतों को लेकर परेशान हो गए हैं ।
यूक्रेन में फंसे UP के लखनऊ के छात्र सक्षम ने बताया कि वे इस समय एक रूम में 6 भारतीयों के साथ हैं | UP से शाहरुख हुसैन, फरीदाबाद से अरबाज खान, अंकित शर्मा, पंजाब से हर्षित बंसल भी उनके साथ हैं। सक्षम ने बताया कि यमुनानगर की जागृति भी उनके साथ हॉस्टल में हैं। सक्षम ने बताया कि सुबह उनके घर के सामने 50 कारें खड़ी थीं, लेकिन अब भारतीयों की करीब 5-6 कारें ही हैं। ये भारतीय तेजी से शहर से बाहर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जा रहे हैं।
भारतीय स्टूडेंट्स के साथ स्थानीय लोग भी शहर से बाहर जा रहे हैं। सक्षम खुद शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर क्षेत्र में हैं। सक्षम ने बताया कि वीएन काराजिन खार्कीव नेशनल यूनिवर्सिटी में 4 से 5 हजार भारतीय छात्र पढ़ते हैं, लेकिन अब केवल 2 से ढाई हजार स्टूडेंट्स ही वहां पर हैं । कुछ मेट्रो स्टेशन पर फंसे हुए हैं। उनके दो किलोमीटर के दायरे में 50 इंडियन स्टूडेंट्स हैं।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पंजाब में भी टेंशन बढ़ गई है। पंजाब के CM चरणजीत चन्नी ने PM नरेंद्र मोदी से अपील की कि यूक्रेन में फंसे पंजाबियों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए। सीएम चन्नी ने कहा कि इस जंग से वह चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि जंग के हमले झेल रहे यूक्रेन से देशवासियों के साथ खास तौर पर पंजाबियों को सकुशल निकाला जाए
यूक्रेन में हिमाचल-मंडी के 35 छात्र फंसे हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के 35 छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं। ये पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हैं। DC मंडी के मुताबिक बल्ह के 5 व्यक्ति, धर्मपुर के 7, सदर मंडी से सबसे ज्यादा 10, सुंदरनगर के 2, थुनाग व जोगेंद्रनगर के 3-3 और करसोग, गोहर, कोटली, जबकि पधर से एक-एक व्यक्ति यूक्रेन में फंसे हुए हैं।
इसके साथ ही उत्तराखंड शासन ने भी वहां फंसे उत्तराखंडी नागरिकों को निकालने का आश्वासन भी दिया। उत्तराखण्ड के नागरिकों की सुरक्षा के लिए उत्तराखण्ड शासन की पहल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर प्रमुख सचिव गृह, ने जारी किए अहम निर्देश।
वर्तमान में यूक्रेन में राजनीतिक एवं सामरिक परिस्थितियां अत्यंत संवेदनशील है। उत्तराखण्ड से विभिन्न कार्यों यथा:- शिक्षा एवं व्यवसाय हेतु राज्य के अनेक नागरिक यूक्रेन में निवासरत है, जिनकी सुरक्षा के लिये हम प्रतिबद्ध हैं। उत्तराखंड शासन द्वारा समस्त जनपदों के जिला मजिस्ट्रेट व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने जनपदों के यूक्रेन में फंसे नागरिकों का विवरण यथा:- उनका नाम, उत्तराखंड राज्य एवं यूक्रेन में पता, में मोबाइल नम्बर, ई मेल, पासपोर्ट नम्बर इत्यादि प्राप्त कर तत्काल प्रेषित करें, ताकि उनकी सुरक्षा के सम्बंध में विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से अग्रेत्तर आवश्यक कार्यवाही की जा सके।आप सभी नागरिकों से अनुरोध है कि यदि यूक्रेन में आपका कोई परिजन अथवा संबंधी/परिचित है तो आप उनके सम्बन्ध में अपेक्षित सूचना 112 पर भी दे सकते हैं।