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आईआईटी रूड़की में आईसीएबीएसबी–2025 का सफल समापन।

उत्तराखण्ड

आईआईटी रूड़की में आईसीएबीएसबी–2025 का सफल समापन।


संवादसूत्र देहरादून/रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की (आईआईटी रूड़की) में जैव प्रौद्योगिकी, जैव-प्रक्रियण तथा संरचनात्मक जीवविज्ञान में प्रगति पर आयोजित चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आईसीएबीएसबी–2025 का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह सम्मेलन बायोटेक रिसर्च सोसाइटी ऑफ इंडिया (बीआरएसआई) के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें 40 से अधिक देशों के 700 से अधिक प्रतिनिधियों तथा लगभग 200 आमंत्रित वक्ताओं ने सहभागिता की।

सम्मेलन ने उन्नत जैव-विज्ञान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के एक सशक्त मंच के रूप में आईआईटी रूड़की की भूमिका को और मजबूत किया।

उद्घाटन सत्र में वैश्विक वैज्ञानिकों की भागीदारी

उद्घाटन समारोह में प्रो. टी. पी. सिंह (एम्स, नई दिल्ली), प्रो. कैरल पोस्ट (पर्ड्यू विश्वविद्यालय, अमेरिका), प्रो. सुधीर सोपोरी (अध्यक्ष, बीआरएसआई), प्रो. जोज़े टेइक्सेरा (पुर्तगाल), प्रो. अशोक पांडे (सीएसआईआर–आईआईटीआर), प्रो. के. के. पंत (निदेशक, आईआईटी रूड़की), डॉ. बिनोद परमेश्वरन तथा उद्योग जगत से संजीव सिंह सहित अनेक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर आईसीएबीएसबी–2025 सार-संग्रह, बीआरएसआई वार्षिक पुस्तिका 2025 तथा टेलर एंड फ्रांसिस के नवीन वैज्ञानिक प्रकाशनों का विमोचन किया गया।

बीआरएसआई पुरस्कारों से उत्कृष्ट वैज्ञानिक सम्मानित

सम्मेलन के दौरान आयोजित बीआरएसआई पुरस्कार समारोह में वैज्ञानिक उत्कृष्टता को सम्मानित किया गया। प्रो. टी. पी. सिंह को विशिष्ट प्रोफेसर पुरस्कार तथा प्रो. प्रविंद्र कुमार को बीएचयू शताब्दी पुरस्कार सहित विभिन्न श्रेणियों में सम्मान प्रदान किए गए।

उभरते वैज्ञानिक विषयों पर गहन विमर्श

चार दिनों तक चले सम्मेलन में जैव-ईंधन, जैव-प्रक्रियण, संरचनात्मक जीवविज्ञान, औषधि एवं टीका विकास, परिपत्र अर्थव्यवस्था, सतत कृषि और अन्य उभरते क्षेत्रों पर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। विशेष रूप से विद्यालयी छात्रों के लिए आयोजित संवादात्मक मंच ने युवा प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय से जुड़ने का अवसर प्रदान किया।

राष्ट्रीय एवं वैश्विक लक्ष्यों से पूर्णतः समन्वित

आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रो. के. के. पंत ने कहा कि यह सम्मेलन आत्मनिर्भर भारत, राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी विकास रणनीति तथा भारत की 300 अरब अमेरिकी डॉलर की जैव-अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
प्रो. कैरल पोस्ट ने सम्मेलन को वैश्विक वैज्ञानिक सहयोग को सुदृढ़ करने वाला असाधारण मंच बताया।

सम्मेलन के विषय संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों—स्वास्थ्य एवं कल्याण, स्वच्छ ऊर्जा, नवाचार, उत्तरदायी उपभोग एवं जलवायु कार्रवाई—से सीधे जुड़े रहे और ‘मेक इन इंडिया’, ‘वेस्ट-टू-वेल्थ मिशन’ तथा सतत कृषि जैसे राष्ट्रीय अभियानों के अनुरूप रहे।

समापन पर आभार एवं भविष्य की प्रतिबद्धता

सम्मेलन संयोजक प्रो. प्रविंद्र कुमार ने सभी वैज्ञानिकों, प्रतिनिधियों एवं सहयोगी संस्थानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सम्मेलन से विकसित सहयोग उच्च-प्रभावी अनुसंधान को गति देंगे और आईआईटी रूड़की की वैश्विक वैज्ञानिक सहभागिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।


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