उत्तराखण्ड
बैंक लूट का हुआ पर्दाफाश ,राजस्थान के झुंझुनू से बैंक लूटने आए थे।
संवादसूत्र देहरादून/खटीमा(ऊधम सिंह नगर): पुलिस ने खटीमा की बैंक आफ बड़ौदा की झनकट शाखा में हुई लूट का पर्दाफाश कर दिया है। राजस्थान के झुंझुनू से आए दो बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया था। इस घटना का मास्टरमाइंड खटीमा का ही एक युवक था। पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1.70 लाख रुपए व घटना में प्रयुक्त एक-एक तमंचा भी बरामद किया है। एक आरोपित अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
झनकट कस्बे की बाब शाखा में छह अप्रैल को दिनदहाड़े दो नकाबपोश बदमाश घुस आए। उन्होंने तमंचे व चाकू की नोक पर शाखा प्रबंधक समेत चार कर्मियों को बंधक बनाकर कैश रुम में बंद कर दिया था। जिसके बाद बदमाश बैंक से 4.82 लाख रुपए लूटकर भाग निकले थे। इस मामले में पुलिस ने दो बदमाशों के विरुद्घ लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया था। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने एएसपी अपराध हरीश वर्मा व सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी के निर्देशन में दस टीमों का गठन किया था।
एसएसपी ने कोतवाली में बैंक लूटकांड का पर्दाफाश करते हुए बताया कि आरोपित वारदात को अंजाम देने के बाद बाइक से भागे थे। वे मुख्य मार्ग से न जाकर गांव के रास्तों से होते हुए पीलीभीत, नबाबगंज से बरेली एक होटल में पहुंचे थे। उन्हें चिन्हित करने के लिए पुलिस ने करीब 500 से अधिक सीसीटीवी की फुटेज खंगाली। रास्ते में ही चलती बाइक में उन्होंने कपड़े भी बदले थे।
एसएसपी ने बताया कि मास्टरमाइंड पशुपति नाथ था। उसी ने राजस्थान के झुंझुनू से नरेंद्र कुमार व ललित मानवेंद्र शेखावत को बुलाया था। लूट से तीन दिन पहले नरेंद्र व मानवेंद्र ने बैंक की रेकी भी की थी। पांच अप्रैल को बैंक में भीड़ अधिक होने की वजह से वे घटना को अंजाम नहीं दे पाए थे।
एसएसपी ने बताया कि लूटकांड के आरोपित नरेंद्र कुमार निवासी वार्ड चार खेह, जिला झुंझुनू, राजस्थान व वृदांवन इन्कलेव चेतना कालोनी, बरेली के मूल व हाल निवासी गांगी गिधौर खटीमा निवासी पशुपति नाथ को गांगी गांव से गिरफ्तार किया है। नरेंद्र के कब्जे से 1.50 लाख व पशुपति नाथ से 20 हजार रुपए की नगदी व एक-एक तमंचा व बाइक बरामद की है। जबकि आरोपित ललित मानवेंद्र अभी फरार है।
गांगी गिधौर खटीमा निवासी पशुपति नाथ बैंक लूटकांड का मास्टरमाइंड है। उसी ने वहां जेल में मानवेंद्र के साथ बैंक लूट की योजना बनाई थी। पशुपतिनाथ खेल मनोविज्ञान में पीएचडी करने झुंझुनू गया था। जहां वह धोखाधड़ी के मामले में झुंझुनू जेल में बंद रहा। वहीं उसकी मुलाकात मानवेंद्र से हुई थी। इसके बाद मानवेंद्र ने अपने भाई के दोस्त नरेंद्र कुमार को इस घटना को अंजाम देने के लिए तैयार किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने पर्दाफाश करने वाली टीम को 20 हजार एवं डीआइजी नीलेश आनंद भरणे ने 25 हजार रुपए दिए जाने की घोषणा की है।