उत्तराखण्ड
पिथौरागढ़ से लगी सीमा पर बढ़ेगी चौकसी।
संवादसूत्र देहरादून/ पिथौरागढ़ : एकदिवसीय भ्रमण के बाद शनिवार को सीडीएस अनिल चौहान दिल्ली रवाना हो गए। अरुणाचल में चीन की चालबाजी के बीच उनका यह औचक दौरा सामरिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। हालांकि सेना की ओर से उनके दौरे के मंतव्य पर कुछ नहीं कहा गया। माना जा रहा है कि जिले से लगने वाली सीमा पर चीन की ओर से हो रही तैयारी को देखते हुए अब भारत भी यहां अपनी सुरक्षा पुख्ता करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
सीडीएस अनिल चौहान शुक्रवार को अचानक पिथौरागढ़ पहुंचे थे। वायु सेना के विमान से नैनीसैनी हवाई पट्टी पर उतरने के बाद वह सेना इकाई में गए। रात्रि विश्राम पिथौरागढ़ में करने के बाद शनिवार सुबह सात बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सीडीओ वरुण चौधरी, अपर जिलाधिकारी एफआर चौहान और सेना अधिकारी उन्हें विदाई देने के लिए हवाई पट्टी पर पहुंचे।
उत्तराखंड में पिथौरागढ़ अकेला ऐसा जनपद है जो त्रिकोणीय अंतराष्ट्रीय सीमा पर बसा हुआ है। एक ओर चीन की सीमा लगी हुई है तो दूसरी ओर नेपाल की। चीन अपने सीमा क्षेत्र में वर्ष 2018 से ही सैनिक जमावड़ा बढ़ा रहा है। पाटा नामक स्थान पर उसने सैनिक कालोनी भी बसा रखी है। हालांकि प्रदेश के उत्तरकाशी जिले के बाड़ाहोती की तरह यहां सीमा एकदम खुली नहीं है। बर्फ से ढकी चोटियों और दुर्गम दर्रे किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके बावजूद अब भारत इस महत्वपूर्ण सीमा क्षेत्र में किसी तरह की कोई कमी नहीं रखना चाहता। वैसे यहां भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवान मुस्तैद हैं।